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नहीं रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम, दिल्ली में ली अंतिम सांस

नयी दिल्ली/ शिमला पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम (Pt. Sukhram) का दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS Delhi) में कल रात करीब एक बजे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। पंडित सुखराम 95 वर्ष के थे।
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के पूर्व मंत्री और मंडी सदर के विधायक अनिल शर्मा (MLA Anil Sharma) ने बुधवार को यहां कहा,“ आप सभी को बड़े ही दुखी मन से सूचित कर रहा हूं, हम सबके प्रिय पंडित सुखराम जी अब इस दुनिया में नहीं रहे। कल रात करीब एक बजे उन्हें दिल्ली स्थित एम्स में फिर दिल का दौरा पड़ा,इसके बाद उनका देहांत हो गया। ”
उन्होंने बताया कि पंडित सुखराम के पार्थिव शरीर को आज सड़क मार्ग से दिल्ली से मंडी लाया जाएगा। कल पूर्वाह्न 11 बजे सेरी मंच पर अंतिम दर्शन करवाए जाएंगे और उसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम के देहांत से सिर्फ हमारे परिवार को ही नहीं बल्कि मंडी सदर और पूरे प्रदेश को भारी आघात पहुंचा है। उन्हें संचार क्रांति का मसीहा और हिमाचल प्रदेश की राजनीति का चाणक्य कहा जाता था।
उन्होंने हमेशा पूरे प्रदेश को एक समान दृष्टि से देखा और विकास में कभी भेदभाव नहीं किया। पंडित सुखराम ने प्रदेश के विकास में जो योगदान दिया है, उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने कहा,“ आप हमेशा हमारे और प्रदेश सहित देश भर के लोगों के दिलों में रहेंगे। आपके द्वारा लाई गई संचार क्रांति देश को हमेशा एक नई दिशा देती रहेगी। ”
गौरतलब है कि पंडित सुखराम 90 के दशक में कांग्रेस (Congress) सरकार में केंद्रीय मंत्री थे। वह हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रहे। वह पांच बार विधानसभा चुनाव जीते। उन्हें यहां पंडित सुखराम के नाम से जाना जाता है। पंडित सुखराम 1996 में पी.वी.नरसिम्हा राव सरकार में संचार मंत्री थे। इस दौरान उन पर घोटाले के बड़े आरोप लगे थे। मामले की जांच का जिम्मा केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) (CBI) को सौंपना पड़ा था।
उन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत मंडी से की थी। वह 1963 से 1984 तक विधायक रहे, फिर उन्होंने 1984 में मंडी सीट से ही लोकसभा चुनाव जीता था। इसके बाद वह राज्य मंत्री बनाए गए, फिर 1991 में दूरसंचार विभाग का प्रभार संभाला। वह 1996 में दोबारा मंडी सीट से जीतकर मंत्री बने थे लेकिन फिर घोटाले में नाम आने के कारण उन्हें कांग्रेस से निकाल दिया गया। उसके बाद उन्होंने 1997 में हिमाचल विकास कांग्रेस बनाई। साथ ही 1998 में भाजपा के साथ गठबंधन किया था।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुखराम के देहांत की खबर सुनकर बेहद दुखी
हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में पंडित सुखराम का अहम योगदान रहा है जिसका स्मरण किया जायेगा। श्री ठाकुर ने शोकग्रस्त परिजनों के लिए संवेदना व्यक्त की है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पंडित सुखराम के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

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