असम में गरमाया माहौल: भाजपा प्रत्याशी की गाड़ी में मिली ईवीएम मशीन, चार अफसर निलंबित

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प्रियंका का सवाल: जब गाड़ी में ईवीएम मिलती है तो भाजपा नेता की क्यों होती है
गुवाहाटी/दिल्ली। चुनावों के बीच असम के करीमगंज जिले में एक कार से ईवीएम बरामद किए जाने से माहौल तनावपूर्ण हो गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कार का वीडियो ट्वीट किया है। शुरूआती जांच में पता चला है कि जिस बोलेरो गाड़ी से ईवीएम मिले वो पाथरकांडी विधानसभा सीट के भाजपा उम्मीदवार कृष्णेंदु पाल की है।
खास बात है कि कार के साथ न तो चुनाव आयोग का कोई अधिकारी था, ना ही कार के भीतर कोई सुरक्षा थी। इस मामले में चुनाव आयोग ने चार मतदान अफसरों को निलंबित कर दिया है। साथ ही एफआईआर लिखने का आदेश दिया गया है। चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की है।
शुरूआती रिपोर्ट में ईवीएम के सही सलामत होने का दावा
चुनाव आयोग को डीएम से मिली शुरूआती रिपोर्ट के मुताबिक, पोलिंग पार्टी की गाड़ी बीच रास्ते में खराब हो गई थी, इसके बाद पीठासीन अधिकारी ने रास्ते से गुजर रही एक गाड़ी को जिला मुख्यालय पहुंचाने का आग्रह किया, गाड़ी उनको ला रही थी, पोलिंग पार्टी को शुरूआत में जानकारी नहीं थी कि जिस गाड़ी में वो लिफ्ट ले रहे हैं, वह बीजेपी विधायक और मौजूदा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार की गाड़ी है, बीजेपी विधायक कृष्णेंदु पाल की पत्नी के नाम पर गाड़ी दर्ज है।
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लिफ्ट लेकर जब बीजेपी प्रत्याशी की गाड़ी से पोलिंग पार्टी लौट रही थी तभी स्थानीय लोगों ने इनको देख लिया और गाड़ी रोक दी, पोलिंग पार्टी के सदस्यों को स्थानीय लोगों ने गाड़ी से निकाल दिया और भीड़ हिंसात्मक भी होने लगी, रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ईवीएम सही सलामत है, उसका सील भी नहीं टूटा है, यह वोटिंग में इस्तेमाल हुई थी। चुनाव आयोग को जिला निर्वाचन अधिकारी से दूसरी और विस्तृत रिपोर्ट का भी इंतजार है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, असम में कल दूसरे चरण का चुनाव हुआ। मतदान के बाद करीमगंज जिले के कनिसैल कस्बे में एक लावारिस बोलेरो मिली। इस बोलेरो में ईवीएम मशीन थी। इस बोलेरो में ईवीएम की मौजूदगी पर बवाल शुरू हो गया। बाद में पता चला कि ये बोलेरो पाथरकांडी विधानसभा सीट के बीजेपी उम्मीदवार कृष्णेंदु पाल की है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस पर सवाल उठा दिया है। ट्वीट में वीडियो टैग किया और पूछा कि जब भी किसी निजी गाड़ी में ईवीएम मिलती है तो वो बीजेपी नेता की ही क्यों होती है। बवाल बढ़ा तो चुनाव आयोग ने विस्तृत रिपोर्ट तलब कर ली। जिला निर्वाचन अधिकारी यानी डीएम से पूरे मामले पर रिपोर्ट मांग ली गई है।
सूत्रों के हवाले से चुनाव आयोग ने पूरी घटना पर कुछ तर्क भी दिए हैं। कहा गया कि ईवीएम ले जा रही गाड़ी खराब हो गई तो लिफ्ट ली गई, जो कि बीजेपी उम्मीदवार की निकली। चुनाव आयोग के हलफनामे में भी ये कार कृष्णेंदू पाल की ही बताई गई है। यानी इस कार के बीजेपी उम्मीदवार के होने पर कोई शक नहीं लेकिन सवाल है कि सुरक्षाकर्मी कहां थे।
इसके साथ ही सवाल है कि चुनाव आयोग के अफसर कहां थे। इसके बाद कांग्रेस हमलावर हो गई। वहीं बीजेपी ने इसे कांग्रेस का चुनावी स्टंट कहा है। खैर ऐसी घटना निष्पक्ष चुनाव पर संदेह खड़ा करती है। अब चुनाव आयोग की जांच रिपोर्ट का इंतजार है।