अब हरिद्वार में घुसोगे तो मुसीबत में फंसोगे
बिजनौर (उप्र), कोरोना वायरस वैश्विक महामारी (Corona Virus Global Pandemic) के चलते उत्तराखंड (Uttarakhand) में इस साल कांवड़ यात्रा (Kanvar Procession) की अनुमति नहीं दिए जाने के मद्देनजर फैसला किया गया है कि यदि कोई कांवड़ यात्री हरिद्वार में प्रवेश करता है, तो उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन कानून (Disaster Management Act) के तहत कार्रवाई की जाएगी और उसे 14 दिन पृथक-वास (isolation) में रखा जाएगा।
प्रशासन ने बताया कि बिजनौर और हरिद्वार (Haridwar) की सीमा पर चिड़ियापुर में शनिवार को दोनों राज्यों की समन्वय समिति की बैठक हुई। बैठक के दौरान उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा पर पाबंदी को देखते हुए तय किया गया कि हरिद्वार में कांवड़ यात्रियों को प्रवेश करने से रोकने के लिए दोनों राज्यों की सीमा पर निगरानी रखी जाएगी। बैठक में यह भी तय किया गया कि नजीबाबाद तहसील और हरिद्वार के बीच सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे।
हरिद्वार प्रशासन ने बताया कि अगर कोई कांवड़ यात्री आदेश का उल्लंघन कर प्रवेश करता है, तो उसे हरिद्वार में 14 दिन पृथक-वास में रखा जाएगा और उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने बताया कि यात्रा के दौरान हरि की पौड़ी (Hari kee Paudee) सील रहेगी। इस बीच, बिजनौर प्रशासन ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा कोरोना वायरस संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए प्रतीकात्मक निकाली जाएगी।