हेल्थ

गेंदे के फूल से बनी चाय का मजा उठाएं और सेहतमंद हो जाइए

फूलों को आप सिर्फ अपने घर की खूबसूरती बढ़ाने के लिए ही नहीं बल्कि अपनी हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। जी हा आज तक आपने गेंदे के फूलों (Marigold Flower) को घर की बालकनी में सजाने या फिर गमले और क्‍यारियों में देखा है लेकिन क्‍या आप जानते हैं गेंदे के फूलों से बनी चाय आपकी सेहत और ब्यूटी से जुड़ी कई समस्याएं भी दूर कर सकती है। ये सुन कर आप को हैरानी हो सकती है पर यह सच है। जी हां, गेंदे की पंखुड़ियों (marigold petals) का उपयोग फेस पैक और हेयर मास्क आदि के लिए भी किया जाता है लेकिन आप सेहत से जुड़ी कई समस्‍याओं का इलाज इससे बनी चाय (Tea) से कर सकते हैं। आइए जानते हैं गेंदे के फूल की चाय पीने से सेहत को मिलने वाले कई गजब के फायदे और उसे बनाने का सही तरीका।

गेंदे को अंग्रेजी में Marigold कहते हैं। इसका साइंटिफिक नाम Tagetes है। गेंदे के फूल में विटामिन सी और एंटीऑक्‍सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए गेंदा के फूल से बने अर्क का सेवन हृदय रोग, कैंसर और स्‍ट्रोक को रोकने में मदद करता है। इसमें मौजूद कैरोटीनॉयड, ग्लाइकोसाइड और गंध तेल रूप रंग निखारने, झुर्रियां व मुहांसे हटाने व त्वचा में चमक लाने में मदद करते हैं।

गेंदे के फूल की चाय पीने के फायदे- (Benefits of drinking marigold flower tea)

घाव को करता है जल्दी हील
गेंदे के फूल से बनी चाय का नियमित सेवन त्वचा सबंधी कई दिक्कतों को दूर करने में मदद करता है। यह स्किन पर लगे घाव (skin wounds) को तेजी से हील करके पिंपल, एक्‍ने आदि से भी छुटकारा दिलाता है। इसके अलावा यह स्किन को एजिंग से बचाकर स्किन रैश को ठीक करने में भी मदद करता है।

स्‍ट्रेस दूर करने में करता है मदद-
गेंदे के फूल में मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट गुण स्‍ट्रेस कम करने (reduce stress) के साथ ट्यूमर, सूजन, मोटापा, चयापचय सिंड्रोम और टाइप 2 मधुमेह आदि को भी नियंत्रित करने में मदद करता है। इसमें मौजूद यौगिक तत्‍व विटामिन ए एंटीऑक्‍सीडेंट को बढ़ाकर आपकी चाय को हेल्‍दी बनाते हैं।

माउथ अल्‍सर और गले में दर्द से छुटकारा
एंटी सेप्टिक गुण होने के कारण इस चाय के सेवन से माउथ अल्‍सर और गले के दर्द (Mouth ulcer and sore throat) में आराम मिलता है।

दांतों दर्द को करे कम
दांत दर्द (Tooth ache) की समस्या होने पर गेंदे के फूल की चाय को हल्का ठंडा करें और इससे कुल्ला करें। मुंह में थोड़ी देर तक चाय रखें और थोड़ी देर बाद इसे मुंह से बाहर थूक दें। इससे दांत दर्द से राहत मिलेगी और दांतों के इन्फेक्शन से छुटकारा मिलेगा।

कब्ज में राहत
गेंदे के फूल की चाय पीने से कब्ज की समस्या (constipation problem), पेट दर्द, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएं दूर होती हैं।यह चयापचय क्रिया के द्वारा शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करती है।

झुर्रियों को रखता है दूर
उम्र बढ़ने के साथ चेहरे पर नजर आने वाली झुर्रियों को कम (reduce wrinkles) करने में गेंदे के फूल की चाय मदद करती है। गेंदे के फूलों में फायटोकॉन्सटीटूएंट्स मौजूद होता है, जो एंटी एजिंग की प्रकिया को धीमा करता है। गेंदा उत्तक के पुन: निर्माण में अच्छी भूमिका निभाता है, जिससे झुर्रियों से निजात मिल जाती है।

अर्थराइटिस
गेंदा के फूल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जिस कारण से जब आप गेंदे के अर्क या गेंदे के तेल से जोड़ों की मालिश करते हैं तो इस मालिश से आपको जोड़ों के दर्द और अर्थराइटिस के दर्द (Arthritis pain) से छुटकारा मिलता है।

बवासीर
बवासीर (hemorrhoids) के रोगी अगर थोड़ी सी गेंदे की पत्तियों को पीसकर रस निकाल लें। फिर इस रस में एक चुटकी कालीमिर्च पाउडर और एक चुटकी नमक मिलाकर पी जाए तो इससे बवासीर रोगी को राहत मिलता है।

आँखों के लिए
गेंदे की चाय में एंटीऑक्सीडेंट्स, लुटेइन, जेक्सनथिन, आदि तत्व पाए जाते हैं जो नेत्र रोग (eye disease) और अंधापन को रोकने में मदद करते हैं। गेंदा आँखों के लिए एंटीसेप्टिक का काम करता है। आंखों में लालपन आ जाए तो गेंदे के रस से आंख धोने पर बहुत फायदा मिलता है।

गेंदे के फूल की चाय बनाने का तरीका (how to make marigold tea)
गेंदे के फूल की चाय बनाने के लिए आपको सबसे पहले 4 से 5 गेंदे के फूल, दो ग्‍लास पानी और शहद की जरूरत होगी। इसे बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में पानी डालें और गैस में उबलने के लिए रखें। इस पानी में गेंदे के फूलों की पंखुड़ियां अलग करके डालें। पानी को अच्छी तरह से उबलने दें और कम से कम 5 मिनट तक इसे ढककर धीमी गैस पर उबलने दें। अब जब पानी अच्छी तरह उबल जाए तो गेंदे की पंखुड़ियों का रंग पानी में दिखने लगेगा। इसे तब तक उबालें जब तक कि पानी आधा न रह जाए। गैस बंद कर दें और इसे शहद डालकर सर्व करें।

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