वैक्सीनेशन पर यूपी सरकार ने आधार की बाध्यता की खत्म, विवादित फैसला लिया वापस
लखनऊ। यूपी सरकार (UP government) ने बढ़े विवाद के बाद टीकाकरण (Vaccination) के लिए आधार की बाध्यता वाला फैसला वापस ले लिया है। अब 18 से 44 साल के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए आधार कार्ड (Aadhar Card) और स्थाई निवास प्रमाण पत्र (Permanent residence certificate) की बाध्यता नहीं होगी। अब यूपी में निवास करने का कोई भी डॉक्यूमेंट देने पर टीकाकरण किया जाएगा। यूपी में अब स्थायी और अस्थायी रूप से रहने वाले लोगों का टीकाकरण होगा।
इससे पहले सरकार ने केवल यूपी वालों को वैक्सीनेशन लगाने का आदेश दिया था। नेशनल हेल्थ मिशन (National Health Mission) के डायरेक्टर की तरफ से जारी चिट्ठी में कहा गया था कि बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के 18 से 44 साल के लोगों ने वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन (registration) कराया है, इसके चलते यूपी के लोगों को वैक्सीन नहीं लग पा रही है।
एनएचएम डायरेक्टर (NHM Director) ने कहा कि राज्य सरकार (state government) ने प्रदेशवासियों के लिए वैक्सीन खरीदी है और राज्य सरकार ने खुद ही अपने पैसे ये वैक्सीन आर्डर कर मंगाई है, इसलिए सिर्फ राज्य के लोगों को ही वैक्सीन लगाई जाएगी, किसी भी व्यक्ति को कोरोना का टीका लगाने से पहले यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वह यूपी का निवासी होना जरूरी है।
अभी सिर्फ 18 जिलों में चल रहा 44 साल तक का वैक्सीनेशन
आपको बता दें कि यूपी के 18 जिलों में 18 से 44 साल के लोगों को कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) की डोज दी जा रही है। इस वजह से अभी वैक्सीनेशन रफ्तार (Vaccination speed) नहीं पकड़ पा रही है। गांवों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन वैक्सीनेशन सिर्फ 18 जिलों में सीमीत है। जिन जिलों में वैक्सीनेशन चल रहा है, वहां लंबी-लंबी लाइन देखने को मिल रही है।