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आपातकाल : आर्थिक संकट के विरोध में श्रीलंका में भड़की हिंसा, देश में अंतरिम सरकार की मांग

कोलंबो – भारत के पड़ोसी देश में श्रीलंका में सरकार के सामने मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच सरकार को समर्थन दे रही 11 पार्टियों ने देश में अंतरिम सरकार की मांग की है। श्रीलंका में गहराते आर्थिक संकट के बीच हिंसा तेजी से भड़कती जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति निवास के बाहर भी हमला किया है। जिसे सरकार ने आतंकीवादी कार्य की कहा था। लगातार होते विरोध प्रदर्शनों के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार को आपातकाल का ऐलान कर दिया। आदेश में कहा गया है कि देश की सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के रखरखाव के लिए ये फैसला लिया गया है।

कैबिनेट भंग अंतरिम सरकार की उठी मांग

राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश में आपातकाल लगाने के इस फैसले के बाद अब सेना संदिग्धों को बिना किसी मुकदमे के गिरफ्तार कर सकती है और लंबे समय तक हिरासत में रख सकती है। वहीं राष्ट्रपति गोटवाया राजपक्षे की सरकार को समर्थन दे रही 11 पार्टियों ने कैबिनेट भंग कर अंतरिम सरकार के गठन की मांग की है। इनका कहना है कि हालिया कैबिनेट बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हुई है।

मदद की पेशकश 

श्रीलंका में आर्थिक अस्थिरिता के बीच भारत ने श्रीलंका को 1 बिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन दी है। इसके तहत 40,000 टन डीजल ले जाने वाला एक जहाज श्रीलंका पहुंच गया है। ईंधन आज शाम पूरे देश में बांटा जाएगा। बता दें कि श्रीलंका में दूध, शक्कर, चावल, गैस सिलेंडर और पेट्रोल डीजल की कीमतें आसमान पर पहुंच गई है।

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