कोलकाता। कोलकाता रेप-मर्डर मामले से संबंधित आरजी कर मेडिकल सेंटर और अस्पताल से जुड़े कथित वित्तीय घोटाले के मामले में ईडी का एक्शन जारी है। जांच एजेंसी लगातार आरजी के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के ठिकानों पर दबिश दे रही है। इसी कड़ी में गुरुवार सुबह ईडी ने एक बार फिर संदीप घोष के पिता के घर सहित कई ठिकानों पर रेड मारी है। अधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच एजेंसी ने चार जगहों पर एक साथ छापेमारी की है। इसमें दो ठिकाने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के हैं। इसके अलावा एजेंसी ने कोलकाता के लेकटाउन और ताला इलाके में दबिश दी है। जहां एक मेडिकल आपूर्तिकर्ता का कार्यालय और एक मेडिकल आपूर्ति विक्रेता का आवास स्थित है।
ईडी के अधिकारियों ने कोलकाता के ताला इलाके में चंदन लोहया के फ्लैट और कालिंदी स्थित कार्यालय में छापे मारे। ईडी की एक अन्य टीम ने उत्तर 24 परगना जिले के चिनार पार्क स्थित घोष के पैतृक घर पर भी छापेमारी की। अधिकारियों ने बताया कि हमारे अधिकारी लोहया और उनकी पत्नी से पूछताछ कर रहे हैं। घोष ने टेंडर देने में उनकी मदद की थी। ईडी की एक अन्य टीम आरजी कर अस्पताल को उपकरण की आपूर्ति करने वाले संस्थान के कार्यालय में भी दस्तावेजों की जांच कर रही है। सरकारी अस्पताल और संस्थान के बीच कुछ संदिग्ध लेन-देन है। ईडी के साथ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) भी सरकारी अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है। सीबीआई ने इस मामले में घोष और उनके तीन साथियों को गिरफ्तार किया था।
पहले भी कुछ जगहों पर हो चुकी है रेड
पिछले दिनों ईडी ने इसी मामले में सूबे के हावड़ा, सोनारपुर और हुगली में कई जगहों पर छापेमारी की थी। करीब दो हफ्ते पहले केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कथित वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ केस दर्ज किया था। यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर के आधार पर दर्ज किया गया है, जिसमें 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या की जांच के सिलसिले में डॉ। संदीप घोष का नाम शामिल है। एफआईआर में सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय हेरफेर के संबंध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के साथ-साथ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और बेईमानी का आरोप लगाया है।
बता दें कि डॉ। संदीप घोष, फरवरी 2021 से सितंबर 2023 तक आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में कार्यरत थे, हालांकि, उनका अक्टूबर 2023 में ट्रांसफर कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने एक महीने के अंदर ही हॉस्पिटल में अपनी भूमिका फिर से शुरू कर दी। वो ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए क्रूर रेप और हत्या के दिन तक इस पद पर बने रहे। 2 सितंबर को सीबीआई ने भ्रष्टाचार के एक मामले में डॉ। घोष को गिरफ्तार किया और बाद में उन्हें जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया।