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जम्मू-कश्मीर में हिली धरती

जम्मू कश्मीर – देश इस वक्त वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए हर स्तर पर कोशिशें कर रहा है, इस बीच जम्मू – कश्मीर में भूकम्प आने की जानकारी मिली है। जम्मू कश्मीर में आज सुबह रियक्टर पैमाने पर 2.5 तीव्रता का भूकम्प आया था।जम्मू-कश्मीर में आज रविवार सुबह-सुबह 6 बजकर 21 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 2.5 दर्ज हुई है।

इस भूकंप में किसी तरह के किसी जनहानि के नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली है। इससे पहले जम्मू-कश्मीर के डोडा क्षेत्र में 3.2 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जानकारी के मुताबिक, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में डोडा के अलावा किश्तवाड़ और भद्रवाह में भी भूकंप के झटके महसूस होने पर लोग अपने घरों से बाहर निकल गए थे।

भूंकप आने का कारण

पूरे विश्व में आएं दिन कहीं न कहीं भूकंप से धरती थराथरा रही है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर क्‍यों बार-बार भूकंप के झटके लगते है। इसका जबाव है कि धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी होती हैं। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है, जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहते हैं। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर कंपन करती रहती हैं और जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपन हो जाती हैं, तो भूकंप के झटके महसूस होते है।

कहां होता है कि भूकंप का केन्द्र

भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है, जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से धरती हिलने लगती है। इसलिए इस स्थान या इसके आसपास के इलाकों में भूकंप का असर ज्यादा ही होता है। बता दें कि अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है।

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