
चैत्र नवरात्रि की धूम पूरे देश में नजर आने लगी है। 9 दवसीय ये त्योहार पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि के इस पावन पर्व पर माता के मंदिरों में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ पड़ती है। देश में हर मंदिर अपने आप में एक मिसाल है और किसी न किसी खास देवी या देवता को समर्पित है। हम आज भी आपको एक ऐसे ही देवी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। जो अपने आप में काफी रहस्यमय है। यह प्राचीन मंदिर मौजूद है भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर। जहां एक बड़ा ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है-लोनावला । लोनावला की कार्ला गुफाओं के पास देवी एकविरा का एक प्राचीन मंदिर मौजूद है। मान्यताओं के मुताबिक यह मंदिर यहां की गुफाओं से भी पुराना है।
पांडवों ने बनवाया था मंदिर
कहते हैं कि अपने अज्ञातवास के दौरान जब पांडव यहां पहुंचे तब देवी एकविरा उनके सामने प्रकट हुई और उनकी कार्य दिशा की परीक्षा लेने के लिए उन्होंने पांडवों के सामने अपना एक मंदिर बनाने की चुनौती रखी। मगर साथ ही शर्त रखी थी कि वह मंदिर रातों-रात बनना चाहिए। पांडवों ने मंदिर बना दिया। उनकी इस भक्ति से देवी इतनी प्रसन्न हुई कि उन्हें वरदान दिया कि अपने अज्ञातवास के दौरान कभी भी उनकी पहचान नहीं हो पाएगी। और वो अपना एक साल का अज्ञातवास काटने में सफल होंगे।
दर्शन के लिए आते हैं लाखों श्रद्धालु
एकविरा देवी आगरी-कोली समाज की प्रमुख देवी है और वो उन्हें अपनी कुलदेवी मानते हैं। हर साल दूर-दूर से आगरी-कोली समाज के लोग मां एकविरा के दर्शन करने यहां आते है। वैसे तो सालभर यहां दर्शनों का सिलसिला चलता रहता है। लेकिन हर साल चैत्र नवरात्रि और नवरात्रि के समय यहां भक्तों की संख्या बहुत बढ़ जाती है। उस दौरान लाखों की संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं।