मृत प्रियजनों के कपड़े पहनने की गलती न करें, जानिए क्या हैं नुकसान
आपने अक्सर सुना होगा कि जब कोई अपना इस दुनिया से चला जाता है तो लोग उनकी चीजों को याद के रूप में साजो कर रखते हैं। वैसे तो बहुत ऐसी चीजें होती है जिन को हम जाने वाले की याद में संभाल कर रखते है । इन चीजों में आमतौर पर कपड़े (Clothes) जरूर शामिल होते हैं। ऐसे कई लोग होगे जो अपने गुजरे हुए मां-बाप या अन्य मृत रिश्तेदारों (Dead Loved Ones) के इन कपड़ों को पहन भी लेते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं किसी व्यक्ति के मरने के बाद उनके कपड़ें क्यों नहीं पहनने चाहिए? सनातन धर्म में मरे हुए व्यक्ति के कपड़े पहनने की सख्त मनाही की गई है । आइए जानते हैं इसके पीछे के कारण के बारे में।
इसलिए नहीं पहने जाते मृतकों के कपड़े
मृतकों के कपड़े न पहनने का एक बड़ा और सबसे अहम कारण यह है कि ऐसा करना आपको कमजोर बनाता है। मृत परिजन के कपड़े पहनने से उनकी याद ज्यादा सताएगी और वह मानसिक रूप से कमजोर करेगी। ऐसे में व्यक्ति मृत परिजन को भूलकर आगे नहीं बढ़ पाता है। लिहाजा ये कपड़े किसी जरूरतमंद को दान कर देना ही बेहतर होता है।
चहेते लोगों का मोह
मृत व्यक्तियों की आत्माएं भी अपने चहेते लोगों का मोह नहीं छोड़ पाती हैं, ऐसे में मृतकों की चीजों को रखना उन्हें अपने से बांधे रखना है। जबकि आत्माओं को भटकना नहीं चाहिए, बल्कि जल्द से जल्द नए शरीर में प्रवेश कर लेना चाहिए।
आत्मा की शांति
किसी परिजन की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए दान-पुण्य किया जाता है। इस दौरान मृतकों के कपड़े-सामान भी दान कर दिए जाएं तो बेहतर होता है, ताकि वो किसी के उपयोग में आ सकें।
रोग की ऊर्जा।
यदि किसी व्यक्ति को गंभीर, बीमार बीमारी से मौत से पहले भुगतना पड़ा, तो यह अपनी ऊर्जा पर निशान छोड़ देगा, जिसका हिस्सा उसकी चीजों के पास जाएगा। ऐसे कपड़े पहनते समय, हम बीमारी की ऊर्जा के संपर्क में हैं, जो इस तरह की बीमारी के विकास के जोखिम को बढ़ाता है।
मूल्यवान चीजें बेचते
मृतक की मूल्यवान चीजें बेचते समय धन स्वीकार किया जाता है, किसी भी मामले में खुद पर खर्च नहीं किया जा सकता है। यह खरीद केवल नाखुशी ला सकती है। इस पैसे को एक अच्छे कारण के लिए बलिदान किया जाना चाहिए।