धर्म

कार्तिक मास में भूलकर भी ना खाएं ये चीजें,नहीं तो हो जाएगें बीमार

सनातन धर्म में कार्तिक महीने (Kartik Month) का बेहद महत्त्व है। इस महीने को धर्म मास और पर्व मास भी कहा जाता है। ये महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस महीने में एक के बाद एक कई त्योहार पड़ते हैं। कार्तिक महीने को धार्मिक तौर पर ही नहीं स्वास्थ्य के तौर पर भी महत्वपूर्ण (Important) माना जाता है। यही वजह है कि इस महीने में कुछ चीजों को डाइट (Diet) में शामिल करने की मनाही होती है। दरअसल कार्तिक महीने से ही मौसम में काफी बदलाव देखने को मिलता है और सर्दी की शुरुआत होने लगती है। मौसम के बदलाव के चलते किसी तरह का इंफेक्शन और बीमारी आपको न हो इसलिए कुछ चीजों से दूरी बनाकर रखने की सलाह आपको दी जाती है। तो आइये जानते हैं कि कार्तिक महीने में आपको किन चीजों को डाइट में शामिल नहीं करना चाहिए।

दही
कार्तिक महीने में दही और मठ्ठा खाने से परहेज करना चाहिए. शास्त्रों में इस महीने में दही खाना वर्जित माना गया है। इसकी जगह पर आप चाहें तो दूध का सेवन कर सकते हैं।

मछली
कार्तिक महीने में मछली खाने से भी आपको बचना चाहिए। धर्म की बात करें तो ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु जल में मत्स्य के अवतार में रहते हैं। तो वहीं वैज्ञानिक नज़रिये से देखा जाये, तो इस समय नदियों का पानी बाढ़ व बारिश के कारण दूषित होता है।

बैंगन
कार्तिक महीने में बैंगन खाने से परहेज करना चाहिए, बैंगन को धार्मिक दृष्टि से अशुद्ध माना जाता है। तो वहीं इस महीने बैंगन खाने से पित्तदोष सम्बन्धी बीमारियां होने का खतरा भी बना रहता है।

करेला
करेला भी कार्तिक महीने में आपको अपनी डाइट में शामिल नहीं करना चाहिए। दरअसल ये महीना भगवान विष्णु की उपासना का महीना माना जाता है। ऐसे में तीखे, चटपटे व तिक्त भोजन से परहेज़ करना चाहिए। करेला तिक्त भोजन की श्रेणी में आता है।

दाल का सेवन ना करें
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कार्तिक के महीने में दाल खाने की मनाही है। खासकर अरहर और चने की दाल का सेवन बिल्कुल भी ना करें। इससे पाचनतंत्र में गड़बड़ी और पेट संबंधी अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

इन कार्यों से मिलेगा शुभ फल (Kartik Maas 2021 puja)
इस महीने से स्निग्ध चीजें और मेवे खाने की सलाह दी जाती है. जिन चीजों का स्वभाव गर्म हो और लम्बे समय तक ऊर्जा बनाए रखें, ऐसी चीजों को खाना चाहिए. सूर्य की किरणों का स्नान भी इस महीने से उत्तम माना जाता है. इस महीने भूमि पर सोना चाहिए और भगवान का जाप करते रहना चाहिए. कार्तिक मास के दौरान अगर आप जमीन में सोते हैं तो मन में पवित्र विचार आते हैं. भूमि में सोना कार्तिक मास का तीसरा प्रमुख काम माना गया है. मान्यता है कि इस महीने में मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं और भक्तों को अपार धन देती हैं. मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए ही इस महीने धन त्रयोदशी, दीपावली और गोपाष्टमी मनाई जाती है. इस महीने विशेष पूजा और प्रयोग करके आप आने वाले समय के लिए अपार धन पा सकते हैं और कर्ज व घाटे से मुक्त हो सकते हैं।

इन चीजों का करें सेवन
रोजाना एक गिलास दूध में गुड़ मिलाकर पिएं
कार्तिक मास में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत को मजबूत बनाने तथा खुद को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए रोजाना एक गिलास गर्म दूध में गुड़ मिलाकर पिएं। इससे आप मौसमी बीमारियों के संक्रमण से बच सकेंगे और खुद को ऊर्जावान महसूस करेंगे।

गुड़ का सेवन करें
स्वस्थ रहने के लिए गुड़ का सेवन किसी जादू से कम नहीं है। गुड़ रक्तचाप को नियंत्रित करने के साथ सर्दी, जुकाम और खांसी के संक्रमण से बचाता है। कार्तिक मास में रोजाना गुड़ का सेवन करना चाहिए। गुड़ सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

गेहूं के आटे का हलवा खाएं
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गेहूं के आटे का हलवा बनाया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस महीने गेहूं के हलवे का सेवन सुरक्षा कवच का काम करता है। यह गंभीर बीमारियों के संक्रमण से दूर रखता है। इसे बनाते समय गेहूं के आटे में इलायची पाउडर, घी, चीनी और किशमिश डालें। ये चीजें शरीर को गर्म रखने में मदद करती हैं।

तुलसी के पत्तों का खाने में करें सेवन
सनातन हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है। इस पवित्र महीने में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि तुलसी के पत्तों का सेवन करने के लिए एक अलग से पौधा लगाना चाहिए। तुलसी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के साथ मौसमी बीमारियों से निजात दिलाता है। भोजन में तुलसी का पत्ता डालना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि मौसम में बदलाव के कारण धूल के कण और बैक्टीरिया खाने को आसानी से दूषित कर देते हैं, ऐसे में तुलसी का पत्ता उस भोजन को स्वस्थ रखता है।

काला नमक का सेवन करें
यदि मौसम में बदलाव के कारण आप बार-बार एसिडिटी की समस्या से परेशान रहते हैं, तो गुड़, काला नमक और सेंधा नमक का मिश्रण बनाकर इसका सेवन करें। यह एसिडिटी की समस्या से निजात दिलाने में मदद करता है।

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