मध्यप्रदेश

MP में विकास ने पकड़ी तेज रफ्तार, प्रति व्यक्ति आय में भी हुआ बड़ा इजाफा: देवड़ा ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण

भोपाल। मप्र विधानसभा का बजट सत्र 27 फरवरी से शुरू हो गया है। राज्य के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा कल बुधवार को विधानसभा में 2023-24 बजट पेश करेंगे। इससे पहले उन्होंने बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि पिछले वर्ष आर्थिक समृद्धि में मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल रहा और इसने आर्थिक विकास दर में 16.43 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की। जो बीते 10 वर्षों में सबसे अधिक है। बता दें कि शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल का यह आखिरी बजट है।

आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर कोरोना संकट के बाद प्रदेश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 13 लाख 22 हजार 821 करोड़ रुपये हो गया है। विकास दर 26.43 प्रतिशत रही है। प्रति व्यक्ति आय एक लाख 40 हजार 583 रुपये हो गई है। इसमें पिछले वर्ष के मुकाबले 15.62 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राजस्व संग्रहण हो या फिर कृषि क्षेत्र, सभी में वृद्धि दर्ज की गई है। यह जानकारी सरकार ने विधानसभा में दिए गए वर्ष 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण में दी है।

प्रति व्यक्ति आय में 5.67% की हुई वृद्धि
मप्र सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार स्थिर कीमतों पर मध्यप्रदेश में 2022-23 के अग्रिम अनुमान के अनुसार प्रति व्यक्ति आय 5.67 प्रतिशत बढ़कर 65,023 रुपये हो गई है। हालांकि, यह राष्ट्रीय आय 96,522 रुपये प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति से अब भी 32% या 31,499 रुपये कम है। राज्य सरकार का कहना है कि मध्यप्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 2011-12 में 38,497 रुपये थी, जो इन वर्षों में 70 प्रतिशत बढ़ी है।

तेजी से बढ़ रहा राजस्व भी
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार 2018-19 से 2021-22 के बीच राज्य का राजस्व 7.94 प्रतिवर्ष सीएजीआर से बढ़ा है। यानी हर साल औसतन उसमें करीब आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 2022-23 के बजट अनुमानों में राज्य की अपनी राजस्व वृद्धि दर 13.32 प्रतिशत रही, जबकि केंद्रीय करों में हिसस्दारी पिछले साल की तुलना में 9.81 प्रतिशत तक बढ़ी है।

मप्र के बजट का तेजी से बढ़ रहा आकार
मध्यप्रदेश सरकार के बजट का आकार भी तेजी से बढ़ रहा है। 2001 में मध्यप्रदेश का बजट महज 16,393 करोड़ रुपये का था, जो 2023 में बढ़कर 2,47,715 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। यह वृद्धि 15 गुना है। प्रदेश का व्यय बजट पिछले वित्त वर्ष में 2,17,313 करोड़ रुपये था, जो बजट अनुमानों में 14 प्रतिशत बढ़कर 2,47,715 करोड़ रुपये किया गया है।

सिंचाई क्षमता बढ़ी तो कृषि विकास दर ने भी रिकॉर्ड तोड़ा
सिंचाई क्षमता में बढ़ोतरी से मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि दर्ज हुई है। 2003 में सिंचाई क्षमता सिर्फ 7 लाख 68 हजार हेक्टेयर थी, जो 2022 में बढ़कर 45 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है। गेहूं के निर्यात में मध्यप्रदेश देश में नम्बर एक बना हुआ है। देश में कुल गेहूं के निर्यात में मध्यप्रदेश की 46% भागीदारी है। बीते वर्षों में गेहूं उत्पादन 169 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 600 मीट्रिक टन के पार पहुंच चुका है।

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