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Delta Plus Variant : जानिए किन चार राज्यों में बढ़ी चिंता

प्रमुख खबरें: नई दिल्‍ली। कोरोना (corona) की दूसरी लहर (second wave) कम होने के बाद जानलेवा डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variants) लगातार फैल रहा है। जो चिंता की बात है। कोरोना का यह खतरनाक वैरिएंट (Dangerous Variants)  अब 4 राज्‍यों में फैल चुका है।

इन राज्‍यों में अब तक इसके कुल 40 मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से  तमिलनाडु (Tamil Nadu), केरल (Kerala), महाराष्‍ट्र (Maharashtra) और मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh) शामिल हैं।

मंगलवार को सरकार ने जानकारी दी थी कि भारत (india) में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस स्वरूप के 22 मामलों का पता चला है। इनमें से 16 मामले महाराष्ट्र से थे। अन्‍य मामले मध्य प्रदेश और केरल में सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Rajesh Bhushan) ने कहा था कि भारत उन दस देशों में से एक है, जहां अब तक डेल्टा प्लस स्वरूप मिला है, उन्होंने कहा कि 80 देशों (countries) में डेल्टा स्वरूप का पता चला है।

इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि भारतीय सार्स cov-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम  (INSACOG) ने सूचना दी थी कि डेल्टा प्लस स्वरूप वर्तमान में चिंताजनक स्वरूप (VOC) है, जिसमें तेजी से प्रसार, फेफड़े की कोशिकाओं के रिसेप्टर से मजबूती से चिपकने और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (monoclonal antibody) प्रतिक्रिया में संभावित कमी जैसी विशेषताएं हैं।

यहां मिल चुका है डेल्टा प्लस
कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वैरिएंट भारत (India) के अलावा, अमेरिका (America) , ब्रिटेन (Britain), पुर्तगाल (Portugal), स्विट्जरलैंड (Switzerland), जापान (Japan), पोलैंड (Poland), नेपाल (nepal) , चीन (China) और रूस (Russia) में मिला है। डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले महाराष्ट्र के रत्नागिरि (Ratnagiri) और जलगांव (Jalgaon) तथा केरल और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मिले हैं।





भूषण ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया के बारे में एक परामर्श जारी किया है कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और केरल को इस मुद्दे पर पहल की शुरूआत करनी चाहिए। अभी संख्या के लिहाज से यह काफी छोटा दिखता है और हम नहीं चाहते कि इसमें वृद्धि हो।

भूषण ने कहा था कि मोटे तौर पर दोनों भारतीय टीके (Indian Vaccines)  – कोविशील्ड (Cowishield) और कोवैक्सीन (covaccine) – डेल्टा स्वरूप के खिलाफ प्रभावी हैं, लेकिन वे किस हद तक और किस अनुपात में एंटीबॉडी बना पाते हैं, इसकी जानकारी बहुत जल्द साझा की जाएगी।

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