मध्यप्रदेश

नरोत्तम का आरोप: कांग्रेस की विसंगतियों के कारण कोर्ट पहुंचा ओबीसी आरक्षण का मामला

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा (Dr. Narottam Mishra) ने अदालत में लंबित ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) को लेकर पूर्व वर्ती कमलनाथ सरकार (previous Kamal Nath government) पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आज इस मुद्दे पर राजनीति कर रही कांग्रेस की कभी भी ओबीसी वर्ग को आरक्षण का लाभ देने की मंशा थीं ही नही, इसलिए आरक्षण बिल (reservation bill) को सही से पास ही नही किया। बिल में विसंगतियां छोड़ दी जिससे मामला अदालत तक जा पहुंचा।

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार के द्वारा ओबीसी आरक्षण बिल लाया गया था। सरकार की ओबीसी वर्ग को सच मे ही आरक्षण का लाभ देने की मंशा होती तो वह बिल इस तरह बनाकर पास करती कि उसमें कोई विसंगति ही नहीं रहती। लेकिन बिल में विसंगतियां छोड़ी गई और यह मामला अदालत तक पहुंच गया। मामला अदालत में विचाराधीन होने के कारण ही ओबीसी वर्ग को आज आरक्षण का लाभ नही मिल पा रहा है।

डॉ. मिश्रा ने कहा कि आरक्षण बिल को लेकर कमलनाथ सरकार की नीयत तो तभी सामने आ गई थी जब इतने संवेदनशील मामले को लेकर तत्कालीन सरकार द्वारा न्यायालय में एक वर्ष तक किसी भी वकील को अपॉइंट तक नहीं किया गया। कांग्रेस ओबीसी आरक्षण पर झूठे आंसू बहा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का ओबीसी वर्ग अच्छे से जानता है कि कांग्रेस ने ओबीसी वर्ग का कभी हित नही किया है। आज भी वह इस मुद्दे पर सिर्फ राजनीति कर रही है।

5000 कैदियों की पेरोल अवधि बढ़ाई
गृह एवं जेल मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक रिट पिटीशन दायर थी उसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय लिया है कि कोरोना को देखते हुए जो दंडित बंदी पेरोल पर बाहर हैं वो आगामी आदेश तक जेल में दाखिल नहीं किये जायेंगे। वो पेरोल पर ही माने जायेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 5000 बंदी हैं जो पेरोल पर जेल से बाहर हैं ये फिलहाल जेल के बाहर ही रहेंगे।

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