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मप्रः लाॅकडाउन के बीच भी नहीं थम रही कोरोना की गति, 24 घंटे में मिले रिकाॅर्ड 4,882 मरीज

  • इंदौर में सबसे ज्यादा 912 और भोपाल में मिले 736 नए मरीज

भोपाल। मध्य प्रदेश में दमोह को छोड़कर सभी शहरों में शुक्रवार शाम से 60 घंटे का लॉकडाउन जारी है। इस बीच कोरोना संक्रमित मरीज भी लगातार बढ़ रहे हैं। बीते 24 घंटे में रिकॉर्ड 4,882 केस मिले हैं। सबसे ज्यादा इंदौर में 912 और भोपाल में 736 संक्रमित आए हैं।

प्रदेश में 30 हजार 486 एक्टिव मरीज हैं। 52 जिलों में से 47 जिलों में 100 से ज्यादा एक्टिव केस हैं। अप्रैल के पहले हफ्ते में ही 23 हजार संक्रमित बढ़े हैं। संक्रमण दर 13ः से ज्यादा है। अगर संक्रमितों के बढ़ने की यही रफ्तार रही तो अप्रैल के अंत तक 90 हजार संक्रमित हो जाएंगे।

शुक्रवार शाम 6 बजे से प्रदेश के सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों में 60 घंटे का लॉकडाउन लगाया गया है, जो सोमवार सुबह 6 बजे तक जारी रहेगा। रतलाम में 9 दिन का बंद है। कटनी, खरगोन और बैतलू 7 दिन तक लॉकडाउन है। छिंदवाड़ा में गुरुवार शाम से ही 7 दिन का लॉकडाउन जारी है।





भोपाल के कोलार क्षेत्र में भी 9 दिन का लॉकडाउन लगाया गया है। सुबह से ही भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में सख्ती शुरू कर दी गई है। बाजार पूरी तरह से बंद हैं। सड़कों पर पुलिस तैनात है। जगह-जगह सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई है। बेवजह सड़कों पर निकले लोगों को लौटाया जा रहा है। सिर्फ जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को ही जाने दिया जा रहा है।

इंदौर में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने ज्यादा कोरोना संक्रमित क्षेत्रों को माइक्रो कंटेनमेंट एरिया के रूप में घोषित किया है। ऐसे 15 शहरी इलाके अभी चिन्हित किए गए हैं। इन कंटेनमेंट क्षेत्र की अवधि 7 दिन तक रहेगी। यहां लोगों की आवाजाही सीमित रहने के साथ ही लोगों को आवश्यक सेवाएं मिलती रहेगी। इसके अलावा घर-घर सैंपलिंग का कार्य भी किया जाएगा। दरअसल, कुल 33 वार्डों में लगातार केस मिल रहे हैं। वहां प्रशासन की नजर है। पहले चरण में 15 कॉलोनी मोहल्लों में सख्ती गई है।

यह भी पढ़ेंः देश में टूटा कोरोना का कहरः बीते एक दिन में मिले रिकाॅर्ड 1.31 लाख से अधिक मरीज

इंदौर और भोपाल में रेमडेसिविर इंजेक्शन खत्म
जीवन रक्षक इंजेक्शन रेमडेसिविर की सप्लाई इंदौर और भोपाल में खत्म हो गई है। अकेले भोपाल शहर के 51 कोविड अस्पतालों में 2400 भर्ती हैं, इनमें से 1920 मरीजों के परिजन इंजेक्शन के लिए भटक रहे हैं। यही हाल इंदौर का है। यहां छह दिन से दवा दुकानों पर सुबह से ही लाइन लगी रह रही है, लेकिन इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। 35 हजार इंजेक्शन के ऑर्डर दे चुके हैं। शुक्रवार को सरकार ने दावा किया है कि हर महीने 1 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्ध कराएगी।





भोपाल में कोरोना हर दिन बन रहा रिकाॅर्ड
भोपाल में कोरोना का कहर जारी है। यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या का हर दिन रिकॉर्ड बन रहा है। पिछले 24 घंटे में रिकार्ड 736 संक्रमित मिले हैं। यहां एक्टिव केस 5011हैं। इस महामारी की चपेट में मेडिकल छात्र और डॉक्टर भी आने लगे हैं। कोरोना की दूसरी लहर में अब तक भोपाल एम्स में 53 पॉजिटिव केस मिले हैं। इसमें 38 मेडिकल छात्र, 2 डॉक्टर सहित 13 स्वास्थ्य कर्मी हैं।

इंदौर में 5 मौतें, एक्टिव केस 7425
कोरोना से सबसे ज्यादा इंदौर की हालत खराब है। आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। 24घंटे के अंदर रिकॉर्ड 912 मरीज मिले हैं। पांच मरीजों की मौत भी हुई है। एक्टिव केस 7425 पर पहुंचा गया है। इसकी वजह से यहां बेड, रेमडेसिविर इंजेक्शन से लेकर ऑक्सीजन तक से जूझना पड़ रहा है।

जबलपुर में सैंपलिंग नहीं बढ़ा रहे
कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज हो गई है। शुक्रवार को 369 लोग संक्रमित हुए और दो की मौत हुई। हालांकि चैहानी श्मशान घाट में 21 लोगों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल से किया गया है। यहां सैंपलिंग नहीं बढ़ाई जा रही है। अब भी 2500 सैंपल ही लिए जा रहे हैं। अब कुल एक्टिव केस 2217 हो गया है।

ग्वालियर- लगातार दूसरे दिन 300 पार संक्रमित मिले
शुक्रवार को 323 नए संक्रमित मिले हैं। जिले के कोरोना काल में यह अब तक के एक दिन में सबसे ज्यादा संक्रमित मिले हैं। लगातार दूसरा दिन है जब 300 से ज्यादा केस आए हैं। गुरुवार को भी 315 नए मरीज मिले थे। शुक्रवार को एक कोरोना संक्रमित की उपचार के दौरान मौत भी हुई है। शुक्रवार को कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर 18 दुकान सील की गई हैं, जबकि 7 दुकानदारों पर थ्प्त् दर्ज की गई है।

सिर्फ 5 जिलों में 100 से कम एक्टिव केस
प्रदेश के सिर्फ मुरैना, छतरपुर, सीधी, श्योपुर, भिंड ऐसे जिले हैं, जहां एक्टिव केस 100 से कम हैं। शेष 47 जिलों में 100 से ज्यादा सक्रिय केस इस समय मौजूद हैं।

छिंदवाड़ा में बदइंतजामी की इंतहा
जिला अस्पताल में बदइंतजामी की इंतहा पार हो गई है, हालत ये है कि कोरोना वार्ड के सामने संक्रमित मरीज का शव खुले में पड़ा रहा और अस्पताल प्रशासन ने उसकी सुध तक नहीं ली। जब अन्य मरीजों के परिजनों ने इस बात की जानकारी एसडीएम अतुल सिंह को दी तो उन्होंने मामले का संज्ञान लिया और करीब तीन घंटे बाद संक्रमित शव को हटाकर उसका अंतिम संस्कार करवाया गया।

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