इंदौर में आध्यात्मिक गुरु के साथ हजारों ने किया योग, सीएम बोले- इसमें भी इंदौर बने नंबर-1
दशहरा मैदान पर स्टेज के साथ लंबाई में रैम्प भी बनाया गया था। जिस पर चलते हुए श्रीश्री रवि शंकर भक्तों से मिले। सुबह उन्होंने करीब पौन घंटे योग के अलग अलग आसान कराए और आसनों से दूर होने वाले रोगों की जानकारी भी दी। योग के बाद श्रीश्री रविशंकर ने 21 विद्वानों के साथ रुद्रपूजा भी की।
इंदौर। आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर तीन दिनी प्रवास पर शनिवार को इंदौर पहुंचे हैं। इंदौर प्रवास का आज उनका आखिरी दिन है। प्रवास के तहत आज अंतिम दिन योग सत्र और महारुद्र पूजन आयोजित किया गया। इंदौर के दशहरा मैदान में सोमवार सुबह हजारों लोगों ने श्रीश्री रविशंकर के साथ योग किया। इस योग कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी वर्चुअली जुड़े, जबकि भाजपा महासिचव कैलाश विजयवर्गीय कार्यक्रम में मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि नगर निगम और योग मित्र के संयुक्त तत्वावधान में दशहरा मैदान में हुए इस आयोजन की शुरूआत सुबह 6.30 बजे से होनी थी, लेकिन रविशंकर के अनुयायी 6 बजे से पहले ही आने लगे थे।
कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए शिवराज ने कहा कि इंदौर स्वच्छता में नंबर वन है। छह बार लगातार अवार्ड पा चुका है, लेकिन अब इंदौर को स्वास्थ्य में भी नंबर वन होना चाहिए। इसके लिए ऐसे आयोजन मील का पत्थर साबित होते है। विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर संस्कार, स्वाद और संस्कृति का शहर है। आज के युवा नशे की तरफ जा रहे है। नशा होना चाहिए, लेकिन भगत सिंह की तरह राष्ठ्रभक्ति का, मीरा की तरफ ईशभक्ति का। तभी जीवन सफल होगा। संस्था योग मित्र की अगुवाई में हुए इस आयोजन में मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।
रैंप पर चलकर भक्तों से मिले रविशंकर
जानकारी के मुताबिक दशहरा मैदान पर स्टेज के साथ लंबाई में रैम्प भी बनाया गया था। जिस पर चलते हुए श्रीश्री रवि शंकर भक्तों से मिले। सुबह उन्होंने करीब पौन घंटे योग के अलग अलग आसान कराए और आसनों से दूर होने वाले रोगों की जानकारी भी दी। योग के बाद श्रीश्री रविशंकर ने 21 विद्वानों के साथ रुद्रपूजा भी की। मंत्रोच्चार के बीच इस पूजा में हजारों लोगों ने गुरुजी के साथ मंत्रों का उच्चारण किया और पूजा में शामिल हुए। योग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि बात करने से चित शांत होता है। मन को प्रसन्नता मिलती है। व्यक्ति तनाव की वजह से अपनी शक्ति को नहीं पहचान पाता है। इसलिए तनाव के कचरे को ध्यान की झाडू से बाहर कर देना चाहिए। तभी मन स्वच्छ और शरीर स्वच्छ हो सकेगा।
हमें पहचानना होगा अपने अंदर की दैवीय शक्तियों को
गुरुदेव ने कहा कि यही वह धारा है जहां से ध्वस्त हुए मंदिरों के जीणोर्धार की शुरूआत हुई। आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ, अयोध्या, केदारनाथ, महाकालेश्वर का जीणोर्धार कराकर इसे आगे बढ़ाया। हमारी संस्कृति जन सेवा ही जनार्दन सेवा मानने वाली है। हमें अपने भीतर की दैवीय शक्ति को पहचानना होगा। रुद्र की पूजा से पहले अपने भीतर रुद्र को स्थापित करें। मन में रुद्र की पूजा करें।