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कांग्रेस अब राजस्थान में कराएगी सुलह, मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज

प्रमुख खबरें : नयी दिल्ली/जयपुर। पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में विवाद सुलझने के बाद अब राजस्थान कांग्रेस (Rajsthan Congress) में हलचल तेज हो रही है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) आज जयपुर पहुंच गए हैं। इस बीच अब कयास लगने लगे हैं कि राज्य में अशोक गहलोत मंत्रिमंडल (Ashok Gehlot cabinet) में विस्तार व फेरबदल होना तय है। साथ ही हजारों की संख्या में राजनीतिक नियुक्तियां की जानी हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि पार्टी के राजस्थान प्रभारी अजय माकन (Ajay Makan) भी जयपुर पहुंच सकते हैं। पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल में फेरबदल व विस्तार की अटकलों के बीच कांग्रेस के दोनों वरिष्ठ नेता राजस्थान पहुंच रहे हैं।

माना जा रहा है कि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार इसी महीने हो सकता है। पहले यह कहा जा रहा था कि सारी कवायद को अंतिम रूप देने के लिए CM गहलोत दिल्ली आएंगे। लेकिन जयपुर में मुख्यमंत्री कार्यालय सूत्रों ने शनिवार को कहा, फिलहाल गहलोत का दिल्ली जाने का कोई कार्यक्रम नहीं है। कम से एक दो दिन वह कहीं नहीं जा रहे। उन्होंने वेणुगोपाल की गहलोत से संभावित मुलाकात के बारे में कहा कि कांग्रेस के संगठन महासचिव का आधिकारिक कार्यक्रम हमें अभी नहीं मिला है। माना जा रहा है अजय माकन व वेणुगोपाल की गहलोत से मुलाकात के बाद राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार की राह साफ हो सकती है।





कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पंजाब के मसले के समाधान के बाद अब सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) और राहुल गांधी (rahul Gandhi) का पूरा फोकस राजस्थान को लेकर है और पार्टी आलाकमान की ओर से माकन से कहा गया है कि कि राजस्थान के सियासी मसले का समाधान जुलाई में ही हो जाना चाहिए। मौजूदा हिसाब से राजस्थान की गहलोत सरकार में नौ और मंत्री बनाए जा सकते हैं। पिछले साल तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) व 18 अन्य विधायकों ने गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बागी रुख अपनाया था। तब पायलट व रमेश मीणा को मंत्री पद से हटा दिया गया था। जयपुर में राजनीतिक विश्लेषकों (political analysts) ने कहा कि अब मंत्रिमंडल विस्तार में पार्टी को पायलट ग्रुप के साथ साथ BSP से कांग्रेस में आए छह विधायकों व पार्टी का समर्थन कर रहे निर्दलियों को भी ध्यान रखना होगा। ऐसा माना जा रहा है मंत्री पद से वंचित रहने वालों को संसदीय सचिव, विभिन्न निगम बोर्डों का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

वहीं राज्य में कांग्रेस के जिला अध्यक्षों के पद भी लंबे समय से रिक्त हैं। राजस्थान में जिला स्तर पर विभिन्न निगमों व बोर्ड में लगभग 30 हजार राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं जो किसी न किसी कारणों से लगातार टल रही हैं। जिला स्तर पर राजनीतिक नियुक्तियों के लिए इस साल 9-10 फरवरी तक नाम मांगे गए थे। तब कांग्रेस महासचिव व प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा था,’ हम लोगों की कोशिश रहेगी कि जिला स्तर पर जो बोर्ड व निगम हैं जहां लगभग 25 से 30 हजार राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं, इसकी कार्रवाई हम फरवरी के पहले पखवाड़े में पूरा कर लें।’ लेकिन उसके बाद विधानसभा का बजट सत्र व विधानसभा की तीन सीटों पर उपचुनाव के चलते मामला टल गया। फिर लॉकडाउन के कारण राजनीतिक गतिविधियां ठप रहीं।

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