पंजाब कांग्रेस में बगावत: दो धड़ों में बंटती नजर आ रही कांग्रेस, सभी विधायक दिल्ली तलब

चंडीगढ़। पंजाब में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से मची तबाही के बीच अब वहां पर बहुत बड़ा राजनीतिक संकट (political crisis) पैदा हो गया है। प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव (Assembly elections) होने है इससे पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) और नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के बीच अंतर्कलह जारी है, जिसके कारण वहां पर कांग्रेस दो धड़ों में बंटती नजर आ रही है। ऐसे में अब केन्द्रीय हाईकमान (Central high command) की टेंशन बढ़ने लगी है। इस बीच अब स्थिति को नियंत्रण करने के लिए केन्द्रीय नेतृत्व सभी विधायकों को दिल्ली तलब कर लिया है। यहां पर सभी विधायक, मंत्री एक तीन मेंबर्स के पैनल से मुलाकात करेंगे और अपनी परेशानियों को साझा करेंगे।
कांग्रेस के करीब दो दर्जन विधायक जिसमें प्रदेश अध्यक्ष सुनील झाखड़ (Sunil Jhakhar), मंत्री चरणजीत चन्नी, सुखजिंदर सिंह रंधावा भी शामिल हैं, वो सभी दिल्ली पहुंच गए हैं। चुनाव में कांग्रेस (Cogress) द्वारा किए गए वादों को पूरा ना करने के आरोप के बाद कांग्रेस विधायकों (Congress MLAs) ने अपनी सरकार पर सवाल उठाना शुरू कर दिया था। यही दो दर्जन विधायक लगातार कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर सवाल करते आए हैं।
एक-एक करके पैनल से मिलेंगे नेता
केंद्रीय आलाकमान ने जो तीन सदस्यों का पैनल बनाया है, उसकी अगुवाई हरीश रावत कर रहे हैं। उनके अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और जेपी अग्रवाल (Jp agarwal) भी इसमें हैं। सोमवार से पंजाब कांग्रेस के विधायकों, मंत्रियों से मिलने का सिलसिला शुरू होगा। सोमवार की बैठक में दो दर्जन विधायकों के अलावा चरणजीत सिंह चन्नी, सुखजिंदर सिंह रंधावा भी पैनल से मिलेंगे। फिर मंगलवार को नवजोत सिंह सिद्धू, परगट सिंह पैनल से मुलाकात करेंगे। कैप्टन अमरिंदर कैंप के माने जाने वाले मनप्रीत बादल, साधु सिंह भी दिल्ली में हैं और पैनल से मुलाकात करेंगे। कैप्टन अमरिंदर सिंह इसी हफ्ते के आखिर यानी शुक्रवार को पैनल से मुलाकात करने दिल्ली आ सकते हैं।
गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस में लोकसभा चुनावों (Lok Sabha elections) के बाद से ही अनबन की खबरें आ रही हैं। नवजोत सिंह सिद्धू लगातार कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं, जबकि संगठन के कई नेताओं ने भी कैप्टन की सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में अगले साल जब राज्य में चुनाव होने हैं तब उससे पहले ही कांग्रेस आलाकमान डैमेज कंट्रोल में जुटा है।