मां लक्ष्मी के साथ शंख का है खास संबंध,पूजा घर में रखते ही होगा धन लाभ

सनातन परंपरा में होने वाली पूजा में शंख का अत्यधिक महत्व है। हिंदू धर्म में तमाम देवी-देवताओं ने अपने हाथों में शंख धारण किया है। जैन, बौद्ध, शैव, वैष्णव आदि परंपरा में शंख को अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि शंख बजाने से जहां तक उसकी ध्वनि जाती है, वहां तक की सभी बाधाएं, दोष आदि दूर हो जाता है। शंख से निकलने वाली ध्वनि नकारात्मक उर्जा (negative energy) को नष्ट कर देती है। समुद्र मंथन में से निकले 14 रत्नों में से एक शंख (conch) भी है। मान्यता है कि जिस घर में दक्षिणावर्ती शंख (clockwise conch) का निवास होता है, वहां पर माता लक्ष्मी स्थायी रूप से निवास करती हैं। आइए जानते हैं कि इसी पावन शंख से जुड़े वो उपाय जिसे करते ही आपकी तमाम समस्याएं पलक झपकते ही दूर हो सकती हैं …
कैसे हुई शंख की उत्पत्ति
शंख हमारे जीवन से जुड़ी वह पवित्र वस्तु है जो उपासना से लेकर उपचार तक के काम में आती है। मान्यता है कि शंख की उत्पत्ति भगवान विष्णु के भक्त दंभ के बेटे दानव से हुई. कहते हैं कि इसी शंखचूड़ की अस्थियों से विभिन्न प्रकार के शंखों का निर्माण हुआ।
लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है शंख
शायद आप ये बात ना जानते हों कि लेकिन शंख को लक्ष्मी के प्रतीक के रूप में माना जाता है। और इसीलिए आपने देखा होगा कि लक्ष्मी जी की हर पूजा में शंख अनिवार्य होता है। बिना इसके लक्ष्मी देवी की पूजा अधूरी मानी जाती है।
कार्यस्थल की सफाई और पवित्रता का रखें ख्याल
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सबसे पहले अपने घर एवं कार्यस्थल में सफाई और पवित्रता पर पूरा ध्यान दें। किसी भी अशुद्ध या गंदे स्थान से माता लक्ष्मी रूठ कर चली जाती हैं.
दिशानुसार बैठकर करें मां लक्ष्मी की अराधना
यदि आप चाहते हैं कि धन की देवी माता लक्ष्मी स्थायी रूप से निवास करें तो आपको अपने पूजा स्थल पर विशेष ध्यान देना होगा। पूजा स्थल ईशान कोण में बनाएं और पूर्व दिशा की ओर करके पूजा करें।
मां को स्थापित करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
यदि आप चाहते हैं कि मां लक्ष्मी आपके घर के धन को भंडार को हमेशा भरा रखें तो आप कभी भी अपना पूजा स्थल टॉयलेट के पास न बनाएं । पूजा स्थल के नीचे कोई मोटर, इन्वर्टर आदि चीजें जिनका संबंध अग्नि से होता है, इसे भूलकर भी न रखें।
दक्षिणावर्ती शंख
शंख को दरिद्रता एवं दु:ख दूर करने वाला बताया गया है। जिस घर में दक्षिणावर्ती शंख रहता है, उस घर में माता लक्ष्मी स्थायी रूप से निवास करती हैं। माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए दक्षिणावर्ती शंख को अपने घर में विधि-विधान से स्थापित करें और प्रतिदिन माता लक्ष्मी के साथ इसकी भी पूजा करें।
प्रतिदिन शंख बजता है
जिस घर या परिसर में प्रतिदिन शंख बजता है, वहां पर किसी प्रकार की बाधा नहीं आती है। शंख से निकलने वाली ध्वनि नकारात्मक उर्जा को नष्ट कर देती है।
भगवान विष्णु की फोटो के नीचे रखें शंख
व्यवसाय में आ रही बाधाओं को दूर करने और उसमें वृद्धि के लिए दक्षिणावर्ती शंख को अपने व्यापारिक स्थल पर भगवान विष्णु की फोटो के नीचे रखें और प्रतिदिन इसकी पूजा करके इस शंख में गंगाजल भर कर पूरे कार्यालय में छिड़कें।
लघु मोती शंख
दांपत्य जीवन में मधुरता के लिए सीसे के बने कटोरे में लघु मोती शंख रखकर उसे अपने बेड के पास रखें। शंख के इस उपाय से नकारात्मक उर्जा दूर होगी और पति-पत्नी के सामंजस्य बढ़ेगा और संबंध हमेशा मधुर बने रहेंगे।
विदेश जाने का सपना होगा पूरा
यदि आपका विदेश जाने का सपना है और आपके इस लक्ष्य में लगातार बाधाएं आ रही हैं तो आप शंख से जुड़ा उपाय कर सकते हैं। इसके लिए आप अपनी माता के हाथ से चावल भरा एक दक्षिणावर्ती शंख लेकर उसे उस जगह पर रखें, जहां पर आपके विदेश जाने संबंधी कागजात रखे हों। इस उपाय से विदेश जाने की राह में आ रहे सभी रोड़े दूर होंगे।
तुलसी से करें पूजा
यदि शंख की पूजा तुलसी से करें तो घर में किसी प्रकार के क्लेश, बीमारी, दुख-दरिद्रता आदि का प्रवेश नहीं होता है।
शारीरिक लाभ भी
शंख बजाने से सिर्फ धार्मिक लाभ ही नहीं बल्कि शारीरिक लाभ भी मिलता है। शंख बजाने से योग की तीन क्रियाएं – पूरक, कुंभक और प्राणायाम एक साथ संपन्न होती हैं।