राजधानी में शुरू हुई MP की पहली मैकेनाइज्ड किचन, CM शिवराज ने किया शुभारंभ
बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन की व्यवस्था पुण्य का कार्य है। ऐसे कार्यों में समाज और सरकार मिल कर कार्य करते हैं तो ज्यादा संख्या में जरूरतमंदों तक सेवाएं पहुंचती हैं। अक्षय पात्र फाउंडेशन और एचईजी लिमिटेड के प्रयास सराहनीय हैं।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को भोपाल में मध्यप्रदेश की पहली मैकेनाइज्ड किचन का वर्चुअली शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना में अक्षय पात्र फाउंडेशन बैंगलुरू द्वारा स्कूली विद्यार्थियों को मध्यान्ह भोजन पहुंचाने के लिए शुरू की गई किचन में एक बार में 20 हजार रोटी और 12 हजार लीटर दाल या सब्जी एवं 125 किलो चावल पक सकते हैं। यह मैकेनाइज्ड किचन शाहपुरा थाने पास स्थापित की गई है।
शिवराज ने कहा कि बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन की व्यवस्था पुण्य का कार्य है। ऐसे कार्यों में समाज और सरकार मिल कर कार्य करते हैं तो ज्यादा संख्या में जरूरतमंदों तक सेवाएं पहुंचती हैं। अक्षय पात्र फाउंडेशन और एचईजी लिमिटेड के प्रयास सराहनीय हैं। अक्षय पात्र फाउंडेशन और एचईजी लिमिटेड के साथ मध्य प्रदेश शासन के अनुबंध से भोपाल के निकटवर्ती विद्यालयों के बच्चे लाभान्वित होंगे।
शरीर स्वस्थ्य तो मन भी स्वस्थ्य होता है
सीएम ने कहा यदि शरीर स्वस्थ है तो मन भी स्वस्थ होता है। अन्य संस्थाएं भी बच्चों को भोजन उपलब्ध करवाने और पौष्टिक आहार देने के कार्य के क्षेत्र में आगे आएंगी तो उनका भी स्वागत है। हम बच्चों को बेहतर पोषण दे सकेंगे। चौहान ने कहा कि परोपकार से बड़ा कोई पुण्य नहीं है। अन्य लोगों की पीड़ा को अनुभव कर उसे कम करने का प्रयास करना ही मनुष्य धर्म है। बच्चों को शुद्ध, ताजा और गरम भोजन मिल जाए तो उससे उन्हें पोषण भी मिलता है, जो शरीर को स्वस्थ बनाता है। शरीर स्वस्थ है तो मन भी स्वस्थ रहता है।
यह काम आराधना से कम नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पीएम पोषण शक्ति निर्माण कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं, वहीं मध्य प्रदेश सरकार कक्षा आठवीं तक अध्ययनरत बेटे बेटियों के लिए स्कूल प्रांगण में ही मध्यानह भोजन की व्यवस्था कर रही है। अक्षय पात्र फाउंडेशन समर्पित भाव से बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण भोजन पहुंचाने का कार्य कर रहा है। भोपाल में इसकी शुरूआत सराहनीय है। स्वामी चंचलापति जी की टीम जो कार्य कर रही वह ईश्वर की आराधना से कम नहीं है। क्योंकि बच्चे ही भगवान का रूप होते हैं। मध्यप्रदेश शासन द्वारा एचईजी से किए गए अनुबंध में शासन द्वारा खाद्यान्न सामग्री दी जाएगी। साथ ही भोजन पकाने की लागत भी सरकार वहन अक्षय पात्र फाउंडेशन का भोपाल में यह प्रथम मेगा किचन है।
50 हजार बच्चों को मिलेगा पौष्टिक भोजन
बता दें कि देश के 16 राज्यों में संचालित अक्षय पात्र रसोई की शुरूआत मध्यप्रदेश में होने से भोपाल और रायसेन जिले के मण्डीदीप के करीब 900 विद्यालयों में पढ़ने वाले लगभग 50 हजार बच्चों को पौष्टिक भोजन का लाभ मिलेगा। मध्यप्रदेश शासन के साथ किए गए अनुबंध के फलस्वरूप शासकीय विद्यालयों के बच्चे लाभान्वित होंगे। भोपाल में किचन शेड का निर्माण 12 करोड़ रूपए की लागत से किया गया है। प्रतिवर्ष साढ़े सात करोड़ रुपये की राशि भोजन पर व्यय की जाएगी।