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ताली बजाएं और खुद को रखिए रोग मुक्त,जानिए क्लैपिंग थेरेपी के फायदे

किसी भी खुशी और उत्साह के मौके पर ताली बजाना हम सब की जिंदगी का हिस्सा है। ताली बजाने का संबंध खुशियां व्‍यक्‍त करने से है। हम बेशक ताली बजाकर अपनी खुशी का इज़हार करते हैं लेकिन आप जानते हैं इसके सेहत के लिए भी फायदे हैं। ताली बजाना जिसे मेडिकल भाषा में क्लैपिंग थैरेपी भी कहते हैं। दिन भर में 1500 बार ताली बजाने से सेहत (Health) को कई तरह के फायदे (Clapping Therapy Benefits) मिलते हैं. इससे स्ट्रेस कम होता है (Clapping Therapy Benefits For Mental Health) और डायबिटीज के रोगियों की सेहत (Clapping Therapy For Diabetes) भी बेहतर रहती है।

वैज्ञानिक दृष्टि से क्लैपिंग थैरेपी के फायदे:
एक्यूप्रेशर के प्राचीन विज्ञान के मुताबिक शरीर के मुख्य अंगों के दबाव केन्द्र पैरों और हथेलियों के तलवों पर हैं। अगर इन दबाव केन्द्रों की मालिश की जाए तो यह कई बीमारियों से राहत दे सकते हैं जो हमारी बॉडी के कई अंगों को प्रभावित करते हैं। इन दबाव केन्द्रों को दबाकर, रक्त और ऑक्सीजन के संचार को अंगों में बेहतर तरीके से पहुंचाया जा सकता है। कुछ देर ताली बजा कर आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं। आइए जानते हैं ताली बजाने के कौन-कौन से फायदे होते हैं।

ताली बजाने से मिलते हैं ये फायदे
रोजाना ताली बजाने यानी क्लैपिंग थेरेपी (Clapping Therapy) से सेहत को कई तरह के फायदे मिलते हैं।  इससे डायबिटीज (Clapping Therapy For Diabetes), आर्थराइटिस, नींद न आने की समस्या और सिरदर्द में काफी आराम मिल सकता है।  इससे आपका मानसिक स्वास्थ्य (Clapping Therapy Benefits For Mental Health) भी बेहतर रहता है. जानिए क्लैपिंग थेरेपी यानी ताली बजाने के फायदे (Clapping Therapy Benefits)।

पीठ दर्द से मिलेगी निजात
अगर आपको अक्सर पीठ दर्द की शिकायत रहती है तो क्लैपिंग थेरेपी (Clapping Therapy) जरूर आजमानी चाहिए. इससे आपको दर्द में काफी आराम मिलेगा. इससे हड्डियों से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं.

बढ़ती है बच्चों की स्मरण शक्ति
क्लैपिंग थेरेपी से बच्चों के सोचने-समझने की शक्ति बढ़ती और मेमोरी भी बेहतर होती है (Clapping Therapy For Children). इतना ही नहीं, इसकी लगातार प्रैक्टिस करने से एकाग्रता भी बढ़ती है. कई स्कूलों में छोटे बच्चों को क्लैपिंग थेरेपी जरूर करवाई जाती है.

शारीरिक उत्तेजना में मददगार
सेहत के लिए शरीर और दिमाग का मजबूत होना जरूरी है, और ताली बजाना दिमाग और शरीर को मजबूत करने का बहुत मुफीद और प्रभावी तरीका हो सकता है. जब आप शारीरिक और मानसिक पहलू को सुबह में ताली बजाकर उत्तेजित करते हैं, तो ये आपको दिन भर सकारात्मक और उत्साहित मूड में रखता है. एक विज्ञान की पत्रिका से भी ताली बजाने के मानसिक फायदों की पुष्टि होती है. उसमें सुझाया गया है कि बीमारियों जैसे गर्दन, कमर दर्द, किडनी और लंग्स की समस्याओं से भी ताली बजाकर राहत मिल सकती है.

ताली बजाने से ब्लड सर्कुलेशन में होता सुधार
आप ताली बजाने का अभ्यास बैठने की स्थिति जैसे सुखासन और वज्रासन में भी कर सकते हैं. इस गतिविधि को सुबह में अंजाम देने की सलाह दी जाती है. ज्यादा वजन या क्रोनिक बीमारियों से पीड़ित लोग भी ऐसा कर सकते हैं क्योंकि हो सकता है ऐसे लोग खुद को शारीरिक व्यायाम की दूसरी शक्ल में शामिल होने के लिए सक्षम नहीं पाते हों. इसलिए मात्र ताली बजाकर आप ब्लड सर्कुलेशन को सुधार सकते हैं और इस तरह हाइपरटेंशन या हाइपोटेंशन जैसे मुद्दों की रोकथाम में सक्षम हो सकते हैं.

हेल्दी हार्ट के लिए
विज्ञान के अनुसार हमारे हाथों में 29 दबाव केंद्र यानी एक्यूप्रेशर पॉइंट्स होते हैं। ताली बजाते वक्त हाथ की हथेली पर मौजूद सभी बिंदुओं पर दबाव पड़ता है जिससे शरीर के सभी अंगों में ऊर्जा का प्रवाह होता है और ताजगी मिलती है। ताली बजाने से बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है।दबाव बिंदुओं में दबते हैं। जब हम ताली बजाते हैं तो इन सभी अंगों में रक्त दौड़ने लगता है।इससे हार्ट की कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही सांस की समस्या भी इससे कम हो सकती है।

इम्यूनिटी के लिए असरदार
आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है लेकिन क्लैपिंग से आपकी इम्यूनिटी बढ़ती है। अगर आप अक्सर इन्फेक्शन की चपेट में आ जाते हैं तो मुमकिन है कि आपकी इम्यूनिटी ठीक नहीं है। क्लैपिंग से आपके शरीर में white blood cells बढ़ते हैं और साथ में बढ़ती है आप की प्रतिरोधात्मक क्षमता भी।

पाचन को ठीक रखती है:
जोर-जोर से ताली बजाने से आपका पाचन दुरुस्त रहता है। खाने की गलत आदतों से कब्ज की समस्या हो सकती है। ऐसे में ताली बजाने से इस समस्या से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।

ऐसे बजाएं ताली
सीधे हाथ की पहली अंगुली यानी तर्जनी को दूसरे हाथ की हथेली पर चार बार जोर-जोर से चोट करें। उसके बाद तर्जनी व मध्यमा दोनों को साथ में लेकर चार बार ऐसा करें। इसी प्रकार तीन अंगुलियों को साथ में लेकर फिर चारों अंगुलियों को मिलाकर ऐसा करें, अंत में दोनों हाथों से ताली बजाएं। इस दौरान आंखों को बंद रखें। ताली बजाने के बाद दोनों हाथ गर्म व ऊर्जावान हो जाते हैं। ऐसे में ताली बजाने के बाद गहरी सांस भरते हुए मध्यमा अंगुली से आंखों को छूते हुए हाथ धीरे-धीरे नीचे की ओर ले जाएं। ऐसा करने से आंखों व चेहरे पर चमक बढ़ती है।

इसलिए 15 सेकंड जरूरी
15 सेकंड की ताली की ऊर्जा रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत कर देती है जिससे शरीर को तमाम रोगों से लड़ने में मदद मिलती है।
जानवरों से मिली प्रेरणा अरुण को ताली को उपचार के लिए प्रयोग करने की प्रेरणा जानवरों से मिली। जानवरों के पैरों के पॉइंट्स कंकड़ और पत्थरों से दबते रहते हैं जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता स्वाभाविक रूप से बढ़ती है।

 

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