श्रीलंका का संकट: तेल की कीमत बढ़ने से सड़कों पर उतरे देश के नागरिक, प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलीबारी से एक मौत
कोलंबो। भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका 1948 में ब्रिटेन से आजाद होने के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश में विदेशी मुद्रा की भारी कमी हो गई है, जिससे वह खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है। इसके अलावा देश के नागरिकों को खाने और जरूरी सामान के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी रही है। इस बीच सरकार ने तेल के दामों में बड़ी बढ़ोतरी कर दी है। तेल की कीमत बढ़ने के बाद लोग एक बार फिर सड़कों पर आ गए हैं।
श्रीलंका के दक्षिण पश्चिमी रामबुक्काना क्षेत्र में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद लगा कर्फ्यू लगा दिया है, जो बुधवार को जारी रहा। जानकारी के मुताबिक हिंसा के दौरान पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हुई है, जबकि 13 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 3 की हालात गंभीर बताई जा रही है। सभी घायलों को रामबुक्काना के केगाले अस्पताल में भर्ती कराए गए है। हिंसा के दौरान 15 पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं। पुलिस प्रमुख चंदन विक्रमरत्ने ने पत्रकारों को बताया कि इलाके में लगाया गया कर्फ्यू जारी रहेगा। उन्होंने कहा, प्रदर्शनकारी कल हिंसक हो गए थे और उन्होंने रेल की पटरियों को जाम कर दिया था। वह पुराने दामों पर ही ईंधन दिए जाने की मांग कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि जब पुलिस ने दो ईंधन टैंकर की व्यवस्था की, तो प्रदर्शनकारियों ने रेल की पटरियों को अवरुद्ध करते हुए एक वाहन की बैटरी निकाल ली। पुलिस प्रमुख ने कहा, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागते हुए न्यूनतम बल का इस्तेमाल किया। श्रीलंका अप्रत्याशित आर्थिक संकट से जूझ रहा है और लोग लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे प्रदर्शनों में पहली बार कल एक व्यक्ति की मौत हुई।
सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी जगत अलविस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने 33,000 लीटर ईंधन से भरे टैंकर को आग लगाने की कोशिश की। भीड़ को ऐसा करने से रोकने के लिए पुलिस को मजबूरन गोलियां चलानी पड़ी। अलविस ने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के लिए अत्यधिक बल का इस्तेमाल किया था या नहीं, इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति नियुक्त की गई है।
अमेरिका, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र के दूतावासों ने बयान जारी कर पुलिस की गोलीबारी की निंदा की है। श्रीलंका में सोमवार रात को ईंधन के कीमतों में बढ़ोतरी की गई थी, जिसके बाद मंगलवार को कई स्थानों पर लोगों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया। इस बीच, श्रम संगठनों ने सामूहिक रूप से कहा कि वे चल रहे आर्थिक संकट के कारण सरकार पर इस्तीफा देने का दबाव बनाने के लिए एक काला विरोध शुरू करेंगे।