हेल्थ

चिरौंजी दवा से भी है ज्‍यादा असरदार,जानें इस्तेमाल करने का तरीका

हम सभी ने चिरौंजी का नाम सुना है। आमतौर पर चिरौंजी का प्रयोग खीर, हलवा सहित और भी कई मिठाइयों में किया जाता है। चिरौंजी न सिर्फ डेजर्ट के स्वाद को बढ़ाती है बल्कि वे कई हेल्थ समस्याओं को दूर करने के लिए कारगर है। भारत में प्राचीन काल से ही इसका इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा में किया जा रहा है। छोटे आकार के ये ड्राई फ्रूट्स असल में सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। यह एनाकार्डियासी (anacardiaceae) नाम के पेड़ से संबंधित है जो भारत (India) के कई हिस्सों में पाया जाता है। आयुर्वेद (Ayurveda) में चिरौंजी का प्रयोग हजारों वर्षों से किया जा रहा है। चिरौंजी के छोटे-छोटे बीज अनेकों पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इसके बीज को सिरदर्द से लेकर मुहं के छाले, खांसी, बांझपन, कब्ज, सांस से जुड़ी बीमारी और स्किन से जुड़ी समस्याओं में इस्तेमाल किया जा सकता है। चिरौंजी का इस्तेमाल कर आप पेट से जुड़ी गंभीर समस्याएं जैसे कब्ज, पेचिश, डायरिया आदि में फायदा पा सकते हैं। आइए जानते हैं पेट की समस्याओं में चिरौंजी के इस्तेमाल के बारे में।

चिरौंजी के पोषक तत्व (Chironji Nutrients)
चिरौंजी विटामिन बी1, विटामिन बी2 और विटामिन सी से भरपूर होती है। ये सभी विटामिन हमारी नसों को मजबूत रखने, हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और शरीर में रक्त संचार को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी होते हैं।

कब्ज को करे ठीक (cure constipation)
आयुर्वेद के अनुसार अगर चिरौंजी का रोज सेवन किया जाए तो कब्ज की समस्या दूर होती है और पाचन तंत्र में मौजूद विषाक्त पदार्थ को आसानी से बाहर निकालने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह आंतों की अंदरूनी परत को भी क्‍लीन करने का काम करता है। अगर आप कब्‍ज से जूझ रहे हैं तो इसका सेवन आपको काफी फायदा पहुंचा सकता है। आप इसका सेवन रोज रात को सोने से पहले खाएं।

पेचिश में लाभदायक (beneficial in dysentery)
अगर आपको दस्त के साथ बार-बार रक्तस्राव हो रहा है, तो अपने भोजन में चिरौंजी का प्रयोग करें। आयुर्वेद के अनुसार चिरौंजी की छाल को बकरी के दूध में पीसकर उसमें शहद मिलाकर पीने से पेचिश की समस्या में लाभ मिलता है। चिरौंजी के पत्ते और जड़ को पीसकर मक्खन के साथ सेवन करने से भी पेचिश में आराम मिलता है।

डायरिया (diarrhea)
डायरिया की समस्या में चिरौंजी के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। आप डायरिया की समस्या में चिरौंजी के तेल से बनी खिचड़ी, दलिया आदि का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा दस्त और डायरिया जैसी गंभीर समस्या से बचने के लिए रोजाना इसके तेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। चिरौंजी के पाउडर को दूध में मिलाकर पीने से भी दस्त और डायरिया में फायदा मिलता है।

इम्यून सिस्टम को बनाएं मजबूत (Make immune system strong)
चूंकि अभी कोविड पीरियड चल रहा है, इसलिए सभी लोग अपनी इम्यूनिटी बूस्ट करने पर फोकस कर रहे हैं। चिरौंजी के अंदर भी ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जिससे आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

शरीर में कमजोरी को दूर करें (remove weakness in the body)
इसलिए आप इसे अपनी डेली की डाइट में शामिल कर सकते हैं। चिरौंजी को आप रोजाना दूध, ओट्स, दलिया और मीठे व्यंजनों में डालकर सेवन कर सकते हैं। यह शरीर में कमजोरी, यदि कोई हो, से लड़ने में मदद करता हैं।

ग्लोइंग स्किन के लिए है फायदेमंद (Beneficial for glowing skin)
चिरौंजी स्किन के लिए भी फायदेमंद बताई जाती है। जब त्वचा गर्मी या सूरज के संपर्क में होती है, तो हाइपर पिगमेंटेशन की समस्या होने लगती है। ऐसे में चिरौंजी का तेल स्किन लाभकारी हो सकती है। ये फेस की टैनिंग और पिगमेंटेशन को कम करने में मदद करता है, साथ ही ग्लोइंग स्किन भी देता है।

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