कोरोना वायरस की तीसरी लहर का असर बच्चों में घातक हो सकता है। विशेषज्ञों ने अभी से सावधानी बरतने और निपटने की कवायद पर जोर देना शुरू कर दिया है। ऐसे में बच्चों की इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग बनाना बेहद जरूरी है।
देश अभी कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Coronavirus second wave) से संभल भी नहीं पाया है कि एक्सपर्ट्स ने तीसरी लहर की भी चेतावनी दे दी है। कोरोना की इस दूसरी लहर ने बुजुर्ग और युवाओं को सबसे अधिक संक्रमित और प्रभावित किया है, और अब कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर का टार्गेट बच्चे हो सकते हैं । ऐसे में बच्चों की इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग बनाना बेहद जरूरी है। आप अपने बच्चों की कुछ आसान टिप्स की मदद से इम्यूनिटी (immunity) बढ़ा सकते हैं। डाइट बच्चों के अंदरुनी सिस्टम को मजबूत करने में अहम भूमिका अदा करती है। बच्चे और व्यस्क दोनों में इम्यूनिटी बढ़ाने का सबसे बुनियादी तरीका स्वस्थ और पौष्टिक भोजन है। आपको अपने बच्चे की डाइट में कुछ फूड्स को जरूर शामिल करना चाहिए।
कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है
इसका कारण ये है कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए 18 साल के ऊपर के सभी लोगों के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया (Vaccination) शुरू हो गई है, जबकि बच्चों के लिए वैक्सीन अभी तक बनी भी नहीं है. ऐसे में अगर तीसरी लहर आती है तो वयस्कों की तुलना में बच्चे ही सबसे अधिक असुरक्षित होंगे. ऐसे में बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता यानी Immunity बढ़ाना बेहद जरूरी है। कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन (New strain of coronavirus) बच्चों पर ज्यादा हमला कर रहा है और उनके लिए खतरनाक भी हो सकता है. बच्चों के इम्यून सिस्टम (Immune system) को मजबूत बनाकर उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए क्या करें इस बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं।
केसर हल्दी वाला दूध (saffron turmeric milk)
कोरोना वायरस से बचने के लिए बीते एक साल से भी ज्यादा समय से हल्दी वाला दूध आप भी जरूर पी रहे होंगे। लेकिन अब समय आ गया है कि आप अपने बच्चों की रेग्युलर डाइट में भी इसे जरूर शामिल करें। हल्दी वाले दूध में चुटकी भर केसर और शहद (Saffron and honey) मिलाकर रोजाना बच्चों को पिलाएं. इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है।
काजू (cashew)
भोजन के बीच थोड़ा काजू उनके लिए जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्व (micronutrients) उपलब्ध कराएगा। काजू बच्चों को सक्रिय और ऊर्जावान रखेगा और दर्द और पीड़ा कम करने में भी मदद करेगा।
हेल्दी डाइट (healthy diet)
प्रोटीन, मिनरल, विटामिन जैसी सभी जरूरी चीजों की संतुलित मात्रा वाला आहार (Healthy and balanced diet) हेल्दी होता है, जो बच्चों में विभिन्न इंफेक्शन या रोगों से लड़ने के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, बीन्स, मौसमी और ताजे फल, दही, लहसुन और अदरक जैसी चीजों को डेली डाइट में शामिल करें ताकि बच्चों की इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद मिल सके।
मौसमी फल (Seasonal fruit)
डाइट में कम से कम एक स्थानीय या मौसमी फल को शामिल करने की कोशिश करें। अगर उन्हें साबुत फल खाना पसंद भी नहीं है, तो इन फलों का एक टुकड़ा जरूर खिलाएं क्योंकि इससे आंत की अच्छी बैक्टीरिया को बढ़ावा मिलेगा।
लड्डू या हलवा (Laddu or Halwa)
पौष्टिक और स्वस्थ फूड का खाना हर शख्स के लिए जरूरी है। कुछ मीठा और साधारण फूड जैसे रोटी, घी और गुड़ की चिक्की या सूजी का हलवा या रागी का लड्डू बच्चों के ऊर्जावान रहने में मदद कर सकते हैं।
चावल (rice)
चावल पचने में आसान और स्वादिष्ट चावल बच्चे की डाइट में जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण फूड है। चावल कई पोषक तत्वों में भरपूर होता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण उसमें मौजूद एक विशेष प्रकार का एमिनो एसिड (amino acid) है। दाल, चावल और घी बच्चों के लिए सबसे अच्छा डिनर का विकल्प बनाते हैं।
अचार या चटनी (pickle or chutney)
बच्चों को रोजाना घर पर बना थोड़ा अचार या चटनी खिलाएं. ये साइड डिश उनके आंत की बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करेगी, उनकी इम्यूनिटी को मजबूत करेगी और उन्हें खुश रहने में मदद करेगी।
च्यवनप्राश (Chaywanprash)
च्यवनप्राश भी बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करता है जिससे बच्चे बैक्टीरिया, वायरस या फंगस से होने वाले संक्रमण से बचे रहते हैं. साथ ही च्यवनप्राश खाने से पाचन भी दुरुस्त रहता है और बच्चों में कब्ज की भी समस्या नहीं होती.
बच्चों की इम्यूनिटी के लिए अन्य टिप्स
नींद का शेड्यूल (sleep schedule)
अक्सर नींद के शेड्यूल का महत्व कम आंका जाता है। लेकिन नींद इम्यूनिटी और सेहत की बहाली में अहम भूमिका अदा करती है। ये मोटापा के खतरे को कम करती है और अस्वस्थ फूड की लालसा पर लगाम लगाने में मदद करती है।
जंक फूड से परहेज (avoiding junk food)
सभी प्रकार के जंक या प्रोसेस्ड फूड्स में भरपूर ट्रांस फैट और न्यूनतम पोषक तत्व होते हैं। इस तरह के फूड्स अक्सर वजन बढ़ाने में योगदान करते हैं और शरीर को पोषण नहीं देते हैं। यहां तक कि फूड्स पैकेट पर स्वस्थ का लेबल लगा हुआ भी स्वस्थ नहीं होता।