मलिक के आरोपों से एक्शन में आई CBI: भ्रष्टाचार के मामले दर्ज की दो FIR, 14 स्थानों पर एक साथ ली तलाशी
नयी दिल्ली। सीबीआई ने जम्मू कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल योजना और कुरु जलविद्युत परियोजना के काम के लिए अनुमति देने में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में दो दर्ज की हैं। यह कार्रवाई जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आरोपों के बाद हुई है। इसके साथ ही सीबीआई ने मामला दर्ज करने के बाद जम्मू, श्रीनगर, दिल्ली, मुंबई, नोएडा, केरल में त्रिवेंद्रम और बिहार में दरभंगा समेत 14 स्थानों पर आरोपियों के परिसर पर तलाशी ली।
बता दें कि कि 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक तत्कालीन जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे मलिक ने सनसनीखेज दावा किया था कि उन्हें परियोजनाओं से संबंधित दो फाइलें पास करने के लिए 300 करोड़ रुपये की घूस की पेशकश की गयी थी। मलिक ने कहा था कि कश्मीर जाने के बाद मेरे पास मंजूरी के लिए दो फाइलें आयी, जिसमें से एक फाइल अंबानी और दूसरी राष्ट्रीय स्वयंसेवक से संबंद्ध एक व्यक्ति की थी, जो पूर्ववर्ती महबूबा मुफ्ती नीत (पीडीपी-भाजपा गठबंधन) सरकार में मंत्री था और प्रधानमंत्री का बेहद करीबी होने का दावा करता है। इसी आरोप पर सीबीआई ने यह बड़ी कार्रवाई की है।
सीबीआई ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस और ट्रिनिटी री इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड को मामले में आरोपी बनाया है। यह प्राथमिकी जम्मू-कश्मीर के सरकारी कर्मचारियों के लिए लाई गई विवादित स्वास्थ्य बीमा योजना से जुड़ी है जिसकी मंजूरी मलिक ने 31 अगस्त 2018 को राज्य प्रशासन परिषद की बैठक में दी थी। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है, जम्मू-कश्मीर सरकार के वित्त विभाग के अज्ञात अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग कर ट्रिनिटी री इंश्योरेंस ब्रोकर लिमिटेड, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और अन्य अज्ञात लोकसेवकों और अन्य निजी लोगों के साथ मिलकर साजिश और सांठगांठ लाभ हासिल किया।
इससे राजकोष को वर्ष 2017 और 2018 के दौरान नुकसान पहुंचा और इस तरह से जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ धोखाधड़ी की।’’ इस में आरोप लगाया गया कि रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को ठेका देने के दौरान सरकारी नियमों का उल्लंघन किया गया जैसे आॅनलाइन टेंडर नहीं निकाला गया, राज्य और कंपनी में काम करने और पांच हजार करोड़ रुपये का वार्षिक टर्नओवर होने सहित मूल शर्तों को हटाया गया। उन्होंने बताया कि अनियमितता के आरोप सामने आने के बाद इस योजना को रद्द कर दिया गया। यह योजना 30 सितंबर 2018 से लागू की जानी थी।