बैठक के लिए पत्रकारों को भी बुलाया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि G-23 के नेता इस बार कोई बड़ा फैसला उनके हिसाब से कांग्रेस के हित में ले सकते हैं।
नई दिल्ली – अब कांग्रेस में क्या होगा, वर्तमान में यह सवाल विरोधी पार्टियां नहीं बल्कि कांग्रेस का आम कार्यकर्ता अपने आकाओं से पूछ रहा है। लेकिन जबाव किसी नेता के पास नहीं है। क्योंकि आलाकमान के पास भी कांग्रेस के उस कार्यकर्ता जिसने अपनी मेहनत और अमूल्य समय देकर पार्टी को खड़ा किया है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि पांच राज्यों में करारी हार के बाद कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ G-23 नेताओं ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है।
24 घंटे की भीतर दूसरी बैठक G-23 की
गुलाम नबी आजाद के घर पर G-23 नेताओं की 24 घंटे में दूसरी बैठक हो रही है। मीटिंग में आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल और भूपिंदर सिंह हुड्डा समेत की दिग्गज नेता शामिल हैं। बैठक के लिए पत्रकारों को भी बुलाया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि G-23 के नेता इस बार कोई बड़ा फैसला उनके हिसाब से कांग्रेस के हित में ले सकते हैं। पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद आजाद के घर यह तीसरी बैठक हो रही है। पहली बैठक 11 मार्च को हुई थी, जबकि बुधवार को ही दूसरी बैठक बुलाई गई थी।
कांग्रेस न तोड़े G-23 के नेता – चिदंबरम
कांग्रेस की शर्मनाक हार के बाद लगातार पार्टी के भीतर उठ रहे विरोध के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने गांधी परिवार का समर्थन किया है। एक न्यूज चैनल से विशेष बातचीत में पी चिदंबरम ने कहा कि – हार के लिए सिर्फ गांधी परिवार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने इस दौरान G-23 यानी कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं से पार्टी को विभाजित नहीं करने की अपील भी की।
राहुल से मिल आजाद के घर पहुंचे हुड्डा
G-23 मेंबर भूपिंदर सिंह हुड्डा गुरुवार को राहुल गांधी से मिले थे। नई दिल्ली के 12 तुगलक लेन पर यह मुलाकात करीब 2 घंटे तक चली थी। इस खास मुलाकात के बाद हुड्डा बाहर निकले, लेकिन पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। इसके बाद हुड्डा गुलाम नबी आजाद के घर पहुंचे।