हेल्थ

जीभ के रंग में बदलाव बताएगा सेहत का हाल,इन बीमारियों का हो सकता है संकेत

जीभ का सिर्फ स्वाद पर ही पकड़ नहीं, बल्कि आपकी सेहत से जुड़े राज भी यह जानती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सेहत में होने वाली किसी भी प्रकार की समस्या का असर अन्य अंगों पर दिखने लगता है, इसका मतलब यह है कि तमाम अंगों में दिखने वाले असामान्य बदलाव के आधार पर सेहत का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। जीभ के रंग से आप कई तरह की बीमारियों का अंदाज लगा सकते हैं। कई बार दवाओं या किसी खाने की वजह से भी जीभ का रंग कुछ देर के लिए बदल जाता है, लेकिन अगर आपकी जीभ का रंग ज्यादा समय के लिए बदल जाए तो समझिए कोई परेशानी है। आज हम आपको कुछ ऐसे फैक्ट्स बता रहे हैं जिससे जीभ के रंग और होने वाली परेशानी के बारे में आप पता लगा सकते हैं। जीभ को स्वस्थ रखने के लिए ओरल हाइजीन बहुत जरूरी है। जीभ के आस-पास बैक्टिरिया या किसी तरह की गंदगी नहीं होनी चाहिए. इससे आप कई बीमारियों से बच सकते हैं। जानिए जीभ के रंग से कैसे जानें सेहत ……

स्वस्थ और अस्वस्थ जीभ में क्या अंतर है?
जीभ में परिवर्तन के आधार पर सेहत का अंदाजा लगाने से पहले यह जान लेना आवश्यक है कि आखिर किस तरह की जीभ को डॉक्टर स्वस्थ मानते हैं? डॉक्टरों के मुताबिक स्वस्थ जीभ आमतौर पर गुलाबी रंग की होती है, कुछ लोगों में इसके रंग हल्के या गाढ़े जरूर हो सकते हैं। वहीं यदि जीभ का रंग सामान्य गुलाबी से हटकर किसी और तरह जैसे सुर्ख लाल या पीला दिख रहा हो, या फिर किसी चीज को खाने या पीने पर जीभ में असहजता का अनुभव हो तो इसे अस्वस्थ माना जाता है।

हेल्दी या नॉर्मल जीभ का रंग कैसा होता है?
अगर आप ध्यान दें तो आपको पता होना चाहिए कि एक हेल्दी जीभ का रंग लाइट पिंक होता है और इसपर लाइट वाइट कोटिंग भी बिल्कुल नॉर्मल होती है। जीभ का टेक्सचर थोड़ा धुंधला होना चाहिए।

सफेद जीभ (white tongue)
अगर आपकी जीभ का रंग सफेद है इसका मतलब यह है कि आपकी बॉडी डिहाइड्रेटेड है और ओरल हाइजिन काफी खराब स्थिति में है। लेकिन अगर ये कोटिंग कॉटेज चीज की लेयर की तरह दिखती है तो इसका मतलब आपको लिकोप्लेकिया हो सकता है, जो कि स्मोकिंग की वजह से होता है। इसके अलावा सफेद जीभ फ्लू की वजह से भी होती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

जीभ में पीलापन​ (yellowish tongue)
अगर जीभ में पीलापन है इसका मतलब शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी है। जिसे आप आपनी डायट में बदलाव करके आसानी से ठीक कर सकते हैं। अगर आपके डाइजेस्टिव सिस्टम में कोई समस्या है या आपको लिवर या पेट की कोई दिक्कत है तो ऐसे में जीभ पर पीली कोटिंग जम जाती है। लेकिन इसके लिए आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।

ब्राउन जीभ (brown tongue)
अगर आप कैफीन लवर हैं तो आपकी जीभ ब्राउन हो सकती है, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है। स्मोकिंग से भी जीभ का रंग ब्राउन हो जाता है। जो लोग काफी लंबे समय से स्मोक कर रहे हैं उनकी जीभ पर ब्राउन रंग की एक परमानेन्ट लेयर जम जाती है , इन्हें डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।

काली जीभ (black tongue)
अगर आप चेन स्मोकर या स्मोकिंग अडिक्टिव हैं तो इसे सावधानी से पढ़े। ज्यादा स्मोकिंग से आपकी जीभ पर बैक्टिरिया बनने लगता है, इससे आपकी जीभ काली हो जाती है।

लाल जीभ (red tongue)
फॉलिक एसिड या विटमिन B-12 की कमी से आपकी जीभ अजीब तरीके से लाल हो जाती है। अगर आप आइने में करीब से देखें तो पता चलेगा कि जीभ पर लाल स्पॉट और मैप जैसे पैटर्न दिखेंगे। इसे जियोग्राफिक टंग कहते हैं।

नीली जीभ(blue tongue)
नीली और पर्पल जीभ हार्ट से जुड़ी समस्याओं को दर्शाती हैं। जब आपका हार्ट ब्लड को ठीक से पंप नहीं करता या खून में ऑक्सिजन की कमी से जीभ का रंग नीला या पर्पल होता है। ऐसे में डॉक्टर से सम्पर्क जरूर करें।

जीभ का ज्यादा चिकना होना
जीभ को हल्का खुरदरा होना चाहिए। अगर जीभ चिकनी हो गई है तो ये एट्रोफिक ग्लोसाइटिस का संकेत है, जो पोषक तत्वों के कारण होता है। इसके कारण आपको शरीर में दर्द हो सकता है।

जीभ पर छाले पड़ना
कभी गलती से जीभ कट जाने, रुखा या तीखा भोजन लेने की वजह से मुंह में छाले पड़ जाते हैं। इसे इग्नोर ना करें क्योंकि हफ्तों से ज्यादा छाले नहीं गए तो यह अल्सर का रुप ले सकते हैं। बेवजह छाले निकले हैं तो यह हार्मोन इम्बेलेंस का संकेत हो सकता है।

ऐसी समस्याओं से बचने के लिए नियमित रूप से ब्रश करें और जीभ को अच्छी तरह से साफ करें ताकि जीभ के आसपास बैक्टिरिया न बनें। जीभ पर जम रही गंदगी की लेयर को रोज टंग स्क्रैपर से साफ करें।

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button