दिल्ली में चलता रहेगा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट, सवाल उठाने वाले पर कोर्ट ने एक लाख का लगाया जुर्माना
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नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi high court) ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार की महात्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central vista project) का काम रोकने की याचिका को खारिज कर दिया है। यही नही याचिकाकर्ता आन्या मल्होत्रा (aanya malhotra) पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अब मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना सेंट्रल विस्टा का काम निरंतर आगे भी जारी रहेगा। इससे पहले याचिकाकर्ता आन्या मल्होत्रा की याचिका पर सुनवाई कर 17 मई को हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
याचिका में कहा था परियोजना से लोगों की जान खतरे में
दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका में जोर देकर कहा गया था कि कोरोना वायरस (corona virus) के इस दौर में किसी भी ऐसे प्रोजेक्ट को आगे बढ़ने की मंजूरी नहीं मिलनी चाहिए। याचिका में यह भी कहा गया था कि एक परियोजना की वजह से कई लोगों की जान खतरे में आ रही है।
वहीं, पिछले सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ( Tushar Mehta) ने उस याचिका को ही खारिज करने की मांग कर दी थी। केंद्र की ओर से कहा गया था कि इस प्रोजेक्ट पर काम करने के दौरान सभी कोरोना प्रोटोकॉल्स का पालन किया जा रहा है।
इसी के साथ याचिकाकर्ता की नीयत पर सवाल उठाते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि जनहित बहुत ही सिलेक्टिव है, उन्हें दूसरे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे मजदूरों की कोई परवाह नहीं है, जो शायद इससे 2 किलोमीटर दूरी पर ही चल रहे हैं।
जानिए क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत एक नए संसद भवन (New parliament house) और नए आवासीय परिसर (New residential complex) का निर्माण किया जाएगा। प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के आवास के साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालय के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है।
सेंट्रल विस्टा परियोजना की सितंबर 2019 में घोषणा की गई थी। 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखी थी। इस पुनर्विकास परियोजना (Redevelopment project) में एक नए संसद भवन का निर्माण प्रस्तावित है। इसके तहत एक केंद्रीय सचिवालय का भी निर्माण किया जाएगा।