श्योपुर का मामला: कन्यादान का लाभ लेने शादीशुदा जोड़े भी बैठ गए हवनवेदी पर
विवाह मंडप में कई जोड़े ऐसे दिखे जो पहले से शादीशुदा थे। हवनभेदी पर बैठे ऐसे जोड़े साफ दिखाई पड़ रहे थे। न तो वधु दुल्हन की तरह सजी थी न वर दुल्हे की तरह। गायत्री मंत्रोच्चारण के बीच आयोजित हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन में गठजोड़े करने और फेरे डलवाने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और शिक्षकों को दी गई थी।
श्योपुर। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत जिला मुख्यालय स्थित टीनशेड बायपास रोड पर आयोजित हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन में 144 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। समारोहपूर्वक आयोजित हुए इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में एक बार फिर जनपद पंचायत की खामियां उजागर हुई। सामूहिक विवाह सम्मेलन में कई ऐसे जोड़े हवनवेदी पर बैठे दिखे, जिनके विवाह पूर्व में ही हो चुके थे। ऐसे जोड़ों में कईयों ने तो आयोजकों को भी बता दिया कि उनके फेरे पहले हो चुके हैं, इसलिए फेरे न कराए। आश्चर्य की बात यह है कि इसके बावजूद आयोजकों ने उन्हें बिन फेरे ही 49 हजार रूपए का चेक दिए।
जनपद पंचायत श्योपुर और नगरपालिका द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत पंजीकृत 151 जोड़ों में से सिर्फ 144 जोड़े ही विवाह कराने के लिए विवाह स्थल पर एकत्रित हुए। 6 हवनवेदी ऐसी रही, जिनकों अपने जोड़ों को आने का इंतजार सामूहिक विवाह सम्मेलन के समाप्ति तक रहा। इसके अलावा कई जोड़े सामूहिक विवाह सम्मेलन में ऐसे भी दिखे जो पहले से दाम्पत्य जीवन में जुड़े हुए थे। उक्त जोड़ों ने भी हवनवेदी पर फोटो खिंचाकर अपने खातों में 49 हजार रूपए पक्के कर लिए। ज्ञातव्य हो कि इससे पहले भी 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन जनपद पंचायत की लापरवाही से सामूहिक विवाह सम्मेलन नहीं हो सका था। बाद में आनन-फानन में की गई व्यवस्था में कुछ जोड़ों को फोटो खिंचाकर आयोजन की इतिश्री कर ली। इस कार्यक्रम में भी वह जोड़े अधिक थे, जो कहीं ओर से अपने विवाह करा चुके थे। जो लोग मंडप में नहीं आए उन्हें उनके स्थल पर ही पहुंचकर राशि देकर इतिश्री कर ली गई थी।
दीदी! हम पहले से शादीशुदा है फेरे मत डलवाओ
विवाह मंडप में कई जोड़े ऐसे दिखे जो पहले से शादीशुदा थे। हवनभेदी पर बैठे ऐसे जोड़े साफ दिखाई पड़ रहे थे। न तो वधु दुल्हन की तरह सजी थी न वर दुल्हे की तरह। गायत्री मंत्रोच्चारण के बीच आयोजित हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन में गठजोड़े करने और फेरे डलवाने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और शिक्षकों को दी गई थी। जो जोड़े पहले से विवाहित थे और सिर्फ कन्यादान योजना के 49 हजार रूपए लेने के लिए मंडप में पहुंचे थे, वह आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं से यह कहते दिखे कि दीदी हमारे फेरे मत डलवाओ, हमारा विवाह पहले हो चुका हैं।
6 रहे अनुपस्थित, बुलाने पर भी नहीं पहुंचे
सामूहिक विवाह सम्मेलन में 151 जोड़ों के पंजीयन किए गए थे, जिनमें 16 पंजीयन नगरपालिका और 135 पंजीयन जनपद पंचायत श्योपुर द्वारा किए गए थे। नगरपालिका में पंजीयन हुए 13 जोड़े ही विवाह सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे। इसी तरह जनपद पंचायत में 131 जोड़े ही फेरे के लिए पहुंचे। उद्घोषक द्वारा बार-बार मंच से जोड़ों के हवनवेदी पर बैठने की अपील की जा रही थी। बाद में कर्मचारियों ने उक्त जोड़ों के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर कॉल लगाने पर भी संतुष्टि जनक जवाब नहीं मिला और वह जोड़े कार्यक्रम समाप्त होने तक विवाह मंडप में नहीं पहुंचे।