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क्या भारत आने पर रुस के राष्ट्रपति पुतिन की हो सकती है गिरफ्तारी ?

क्या रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गिरफ्तार होंगे? ये सवाल इसलिए क्योकि ICC ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को वॉर क्राइम का आरोपी बनाया है। यूक्रेनी बच्चों को गैर-कानूनी और अवैध तरीके से रूस ले जाने में पुतिन को दोषी माना गया है।

क्या रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गिरफ्तार होंगे? ये सवाल इसलिए क्योकि ICC ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को वॉर क्राइम का आरोपी बनाया है। यूक्रेनी बच्चों को गैर-कानूनी और अवैध तरीके से रूस ले जाने में पुतिन को दोषी माना गया है। अब सभी के मन में एक ही सवाल गूंज रहा कि क्या रुस से बाहर निकलते ही राष्ट्रपति पुतिन को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। क्या आईसीसी के पास इतना पावर है कि वो रुस के राष्ट्रपति पुतिन को गिरफ्तार कर सके ? दरअसल इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट यानी ICC  दुनियाभर में होने वाले वॉर क्राइम, नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों की जांच करती है। ये संस्था 1998 के रोम समझौते पर तैयार किए गए नियमों के आधार पर कार्रवाई करती है। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का मुख्यालय द हेग में है। ब्रिटेन, कनाडा, जापान समेत 123 देश रोम समझौते के तहत इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के सदस्य हैं। इस कोर्ट की ताकत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इसकी वजह से यूगोस्लाविया के प्रेसिडेंट स्लोबोदान मिलोसेविच को जेल जाना पड़ा था। कार्रवाई का सामना करते हुए मिलोसेविच की जेल में ही मौत हो गई थी। हालांकि, ये बात अलग है कि परमाणु संपन्न देश रूस की तुलना यूगोस्लाविया से नहीं की जा सकती है। व्लादिमीर पुतिन रूस जैसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति हैं और दुनिया के टॉप पावरफुल नेताओं में से एक हैं। ऐसे में रूस में रहते हुए उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकती, ये लगभग तय है। वहीं, पुतिन अगर रूस के बाहर किसी दूसरे देश में जाते हैं, तो उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है। हालांकि, पुतिन के विदेश दौरे पर कई तरह के अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हैं। इस वजह से ये संभावना कम ही है कि वो रूस के बाहर किसी दूसरे देश के दौरे पर जाएंगे। अगर पुतिन ICC के सदस्य देशों का दौरा करते हैं, तो वो हिरासत में लिए जा सकते हैं, लेकिन शायद पुतिन ये गलती न करें।

क्या भारत आने पर पुतिन की गिरफ्तारी हो सकती है ?

ICC के वारंट जारी होने के बाद भारत आने पर व्लादिमीर पुतिन गिरफ्तार नहीं होंगे। इसकी 2 वजहें हैं- पहली ये कि भारत ICC के सदस्य देशों में शामिल नहीं है। न ही भारत ने 1998 के रोम समझौते पर हस्ताक्षर किया है। ऐसे में ICC ने जो वारंट जारी किया है, वो भारत के लिए मान्य नहीं है। दूसरा ये कि अगर भारत ICC का सदस्य होता, फिर भी वह इस आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं होता। इसकी वजह ये है कि ICC का वारंट उसके सदस्य देशों के लिए भी एक सलाह की तरह होता है।

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