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कोरोना के टीके ने अर्थव्यवस्था को भी बचाया इस ‘वायरस’ से 

नयी दिल्ली। देश में कोरोना के वैक्सीन (Corona Vaccine) ने अर्थव्यवस्था को भी मंदी के वायरस से बचाने में मदद की है। वित्त मंत्रालय Ministry of Finance) ने शुक्रवार को कहा कि लक्षित राजकोषीय राहत(Targeted Fiscal Relief), मौद्रिक नीति (Monetary Policy) और तेजी से टीकाकरण अभियान (Vaccination Drive) के चलते अर्थव्यवस्था ने कोविड-19 महामारी (Covid-19) की दूसरी लहर के प्रकोप से उबरकर सुधार के संकेत दिखाना शुरू कर दिया है।

वित्त मंत्रालय ने अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा, ‘‘दूसरी लहर के प्रकोप को कम करने के लिए लाए गए व्यापक आर्थिक राहत पैकेज की राशि 6.29 लाख करोड़ रुपये थी। आरबीआई बाजार को सामान्य बनाए रखने, विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।’’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन (FM Nirmala Sitharaman) ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और कोरोना वायरस महामारी तथा लॉकडाउन (Lockdown) के वित्तीय प्रभाव को कम करने के लिए पिछले महीने 6.29 लाख करोड़ रुपये के आठ आर्थिक उपायों की घोषणा की, जिनका मकसद आम लोगों के साथ ही व्यवसायों को राहत पहुंचाना था।

इसके अलावा वित्त मंत्री ने पर्यटन क्षेत्र को राहत देने के लिए एक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा भी की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 के पहले दो महीनों में केंद्र सरकार का लचीला कर संग्रह (Tax Collection) और पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) की गति लगातार बनी रहने, विशेष रूप से सड़क और रेल क्षेत्र में, के कारण आर्थिक सुधार को समर्थन मिला है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि हाल ही में घोषित आर्थिक राहत पैकेज से पूंजीगत व्यय के चक्र को अधिक गति मिलने की उम्मीद है, जिसमें पीएलआई योजना का कार्यान्वयन और पीपीपी परियोजनाओं तथा संपत्ति मुद्रीकरण शामिल है।

जून की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एएनबीआरवाई) (ANBRY) के तहत रोजगार समर्थन में और बढ़ोतरी के साथ ही उपभोग में वृद्धि की उम्मीद है।

रिपोर्ट के मुताबिक मुफ्त खाद्यान्न और बढ़ी हुई उर्वरक सब्सिडी (Fertilizer Subsidy) के साथ ही मनरेगा (MNRGEA) को जारी रखने से आने वाली तिमाहियों में ग्रामीण मांग में भी इजाफा होगा।

आर्थिक समीक्षा में कहा गया है, ‘‘टीकाकरण की तेज गति बनाए रखने और शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने से भारतीय अर्थव्यवस्था में टिकाऊ सुधार लाने में मदद मिलेगी।’’

रिपोर्ट के मुताबिक टीकाकरण के विस्तार और कोविड संबंधी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करके कोविड-19 की किसी तीसरी लहर पर काबू पाया जा सकता है।

खाद्य पदार्थों की महंगाई के बारे में रिपोर्ट में कहा गया कि अच्छे मानसून, खरीफ बुवाई में वृद्धि और राज्यों द्वारा प्रतिबंधों में छूट देने से मुद्रास्फीति (Fiscal Deficit) नरम पड़ेगी।

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