ताज़ा ख़बरहेल्थ

इस बड़े शहर की 63% महिलाओं की हड्डी कमजोर

एक शहर ऐसा है जहां आधी आबादी हड्डी की बीमारी से जूझ रही है। जी हां, यह जानकारी सबसे ज्यादा मुंबई की महिलाओं को सावधान और सचेत करने के लिए जरूरी है।

एक शहर ऐसा है जहां आधी आबादी हड्डी की बीमारी से जूझ रही है। जी हां, यह जानकारी सबसे ज्यादा मुंबई की महिलाओं को सावधान और सचेत करने के लिए जरूरी है। दरअसल एक रिसर्च से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में 63 फीसदी महिलाओं की हड्डियां कमजोर हैं। 40 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में यह समस्या देखी जा रही है। इन महिलाओं में पाई गई समस्या को ऑस्टियोपेनिया कहा जाता है। हड्डियों के कमजोर होने से महिलाओं में बोन फ्रैक्चर, स्थायी विकलांगता और यहां तक कि मृत्यु होने का खतरा बना रहता है। लेकिन, यह सर्वे उन्हें अब लाइफ स्टाइल में बदलाव के बारे में सोचने के लिए इशारा कर रहा है। तो चलिए जानते हैं कि इस बीमारी से सबसे ज्यादा महिलाएं ग्रेसित क्यों है?

क्या महिलाओं को इस बीमारी की जानकारी थी?

नानावटी मैक्स अस्पताल में हुए सर्वे के बाद महिलाओं को इस समस्या के बारे में पता चला, इससे पहले महिलाएं इससे अनजान थीं। वरिष्ठ डॉक्टर गायत्री देशपांडे और स्त्री रोग विभाग की सहायक चिकित्सा अधिकारी जाह्नवी लालचंदानी ने सितंबर 2021 से फरवरी 2023 तक 18 महीनों की अवधि के दौरान कुल 5 हजार 34 महिला मरीजों की जांच की। उच्च जोखिम वाले समूहों को यानी ऑस्टियोपोरोसिस या ऑस्टियोपेनिया से पीड़ित महिलाओं को इस सर्वे से बाहर रखा था। वर्तमान में कैंसर और फ्रैक्चर का उपचार करा चुकीं 40 साल से अधिक उम्र की महिलाओं पर ही यह अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में 40-95 साल के बीच कुल 1921 महिलाओं के डेटा का विश्लेषण किया गया। हड्डियों के घनत्व को मापने वाली ड्यूल-एनर्जी एक्स-रे एब्जॉर्पियोमेट्री स्कैन से इन महिलाओं की जांच की गई। इस स्क्रीनिंग से पता चला कि मुंबई में 40 साल से ज्यादा उम्र की 5 में से 3 महिलाएं ऑस्टियोपेनिया से पीड़ित हैं। जबकि 4 में से 1 महिला में ऑस्टियोपोरोसिस का निदान किया गया। वहीं, हर 5 में से एक महिला में रीढ़ के पास ऑस्टियोपोरोसिस का निदान किया गया था। जिससे रीढ़ के फ्रैक्चर के जोखिम बढ़ जाते हैं। इन महिलाओं में कूबड़ होने की संभावना रहती है, जो श्वसन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। हड्डियों को बेहतर बनाए रखने के लिए नियमित चेक-अप भी महत्वपूर्ण हैं।

आखिर क्या हैं ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोपेनिया?

ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोपेनिया हड्डियों की लो डेंसिटी स्थिति को दर्शाते हैं। जो फ्रैक्चर, पुराने दर्द और गतिशीलता के नुकसान के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियां कमजोर और भुरभुरी हो जाती हैं। जिससे उनके टूटने की संभावना बढ़ जाती है। ऑस्टियोपेनिया हड्डी की कमजोरी का एक हल्का रूप है, जो इलाज न किए जाने पर ऑस्टियोपोरोसिस में प्रगति कर सकता है। चेक-अप के दौरान डॉक्टर रोगी के चिकित्सा इतिहास, जीवन शैली कारकों और पारिवारिक इतिहास का आकलन करके ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों से संबंधित अन्य बीमारियों के जोखिम का मूल्यांकन कर सकते हैं। इसके आधार पर डॉक्टर कैल्शियम, विटामिन डी और अन्य निवारक उपायों की सिफारिश कर सकते हैं। पुरुषों की तुलना महिलाएं, ऑस्टियोपेनिया का ज्यादा शिकार होती हैं।

 

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button