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सर्दियों में लाल गाजर से कहीं ज्यादा फायदेमंद होती है काली गाजर ,जानिए इसके फायदे

सर्दी के मौसम में पूरे बाजार में लाल गाजर के साथ काली गाजर की बहार रहती है काली गाजर का स्वाद भी ऑरेंज गाजर से बेहतर होता है. इसके अलावा इसकी मिठास भी अच्छी होती है।  आमतौर पर कई लोगो को सिर्फ लाल या ऑरेंज गाजर के बारे में ही पता होता है लेकिन काली गाजर (Kali Gajar) के बारे में कम जानकारी होती है काली गाजर (Black Carrot) सबसे अधिक तुर्की, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत में पाई और खाई जाती है लेकिन अब गाली गाजर दुनिया के हर भागों में उगाई जाने लगी है। यदि काली गाजर के पोषण की बात की जाए तो इसमें बीटा कैरोटिन काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है, जो हमारी आंखों के लिए बेहद फायदेमंद है।यही नहीं, इसमें और भी पोषक तत्वी पाए जाते हैं जिसके बारे में हम कम ही जानते हैं। काली गाजर में में फाइबर, पोटैशियम, विटामिन-ए, विटामिन-सी, मैंगनीज, विटामिन-बी आदि पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो अच्छी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। आइए जानते हैं कि काली गाजर से क्या-क्या फायदे होते हैं।
काली गाजर के फायदे
डाइजेस्टिव सिस्टम बूस्ट करती है
काली गाजर में भरपूर मात्रा में डाइट्री फाइबर मौजूद रहता है जो डाइजेस्टिव सिस्टम को बूस्ट करता है। इसके इस्तेमाल से खून साफ होता है और ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है। काली गाजर कब्ज, गैस, ब्लॉटिंग, छाती में जलन, बेचैनी, डायरिया जैसी बीमारी को ठीक करती है।

इम्यूनिटी बूस्ट करती है
काली गाजर का सेवन शरीर में इम्यूनिटी को बूस्ट करता है। काली गाजर में बैक्टीरिया और वायरस दोनों को खत्म करने की क्षमता होती है। यह कोल्ड एंड फ्लू से भी बचाती है। इसमें विटामिन सी मौजूद होता है जो खून में श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या में इजाफा करता है। इसके कारण शरीर में बाहरी संक्रमण या बीमारी से रक्षा होती है।

शरीर की सूजन
काली गजर में शरीर की सूजन को कम करने के गुण पाए जाते हैं। यह कई बीमारियों के जोखिम को रोक सकती है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि बैंगनी खाद्य पदार्थ जैसे कि काली गजर मूत्र पथ के संक्रमण को रोकने में मदद कर सकते हैं।

कैंसर के जोखिम को कम करती है
सबसे अच्छी बात यह है कि काली गाजर में कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने की क्षमता होती है। चूंकि इसमें एंथोसाइनिन (anthocyanin) रसायन पाया जाता है जो एंटी इंफ्लामेटरी गुण से भरपूर है। इसके अलावा इसमें मौजूद कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स से शरीर को बचाते हैं। यह शरीर में कैंसर कारक कणों को प्रवेश से रोकता है।

आंखों की रोशनी बढ़ाती है
ऑरेंज गाजर की तरह काली गाजर में भरपूर मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है। विटामिन ए आंखों की रोशनी बढ़ाता है। इसमें भी बीटा कैरोटीन होता है जो आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद है। इसके नियमित सेवन से चश्मे का नंबर कम हो सकता और आंखों की रोशनी बढ़ सकती है।

अल्जाइमर से भी बचाता है
कुछ अध्ययनों में कहा गया है कि काली गाजर का सेवन अल्जाइमर से भी बचाने में सक्षम है. इससे न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के होने का कम जोखिम रहता है। इसके लिए गाजर में मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी और एंथोसाइमिन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
एंटीऑक्सिडेंट एंथोकायनिन ऑक्सीडेंट से होने वाली क्षति से कोशिकाओं की रक्षा के लिए काम करते हैं। वे आपके रक्तप्रवाह से इन ऑक्सीडेंट को बेअसर और हटाकर शरीर की मदद करते हैं। यह उम्र बढ़ने के संकेतों को धीमा करने, आपकी त्वचा को युवा दिखाने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने जैसे अन्य लाभ प्रदान करता है। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर आहार आपके मस्तिष्क को सक्रिय रखने और आपके पेट को स्वस्थ रखने के लिए भी जाना जाता है।

पोषक तत्वों से भरपूर
इनमें कैलोरी कम होती है और यह फाइबर, विटामिन के, विटामिन सी, पोटेशियम और मैंगनीज से भरे होते हैं। इनमें कैरोटीनॉयड का भी अच्छा स्रोत होता है, जो आंखों और त्वचा की उम्र को बनाए रखने में मदद करता है। सर्दी के मौसम में विटामिन-सी से भरपूर खाद्य पदार्थों को लेना जरूरी माना जाता है, क्योंकि यह आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करता है और आपको सर्दी और फ्लू से बचाता है।

पाचन में सहायता करता है
काली गाजर के उपयोग से कांजी नामक पेय बनाया जाता है। इसमें सरसों के बीज का उपयोग होता है, जो सर्दी के मौसम में आपके पाचन को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। काली गाजर फाइबर से भरी होती है, जो पाचन को नियंत्रित करने में मदद करती है। काली गजर में पाया जाने वाला अधिकांश फाइबर घुलनशील होता है जो पाचन तंत्र में पानी को अवशोषित करता है और जेल जैसे पदार्थ में बदल जाता है। यह आपके पेट को अधिक समय तक भरा रखता है और रक्त में कोलेस्ट्रॉल कम करने और रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने में भी मदद कर सकता है।

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