विंध्य में महिलाओं को टिकट देने में कंसूसी दिखाती है BJP, 24 में से सिर्फ 2 हैं विधायक
विंध्य में भाजपा की दो महिला विधायक हैं, एक उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा सीट से मीना सिंह, वे वर्तमान में शिवराज सरकार में मंत्री हैं। पार्टी की दूसरी महिला विधायक शहडोल जिले की जैतपुर विधानसभा से मनीषा सिंह।

सतना। हर क्षेत्र में महिलाओं को आगे लाने व उनके सशक्तिकरण की भले ही बड़ी-बड़ी बातें राजनैतिक दलों द्वारा की जाती हों, लेकिन जब महिलाओं को आगे लाने की बात होती है तो सभी राजनैतिक दलों के हाथ तंग हो जाते हैं, चाहे वह चुनाव में टिकट देने का मामला हो या फिर संगठन में पद देने का। इस मामले में सबसे कंजूस राजनैतिक दल भाजपा है। पिछले चुनाव में राजनैतिक दलों द्वारा विंध्य में महिलाओं को टिकट देने की बात की जाए तो यहां की तीस विधानसभा सीटों में से 9 सीटें ऐसी थीं जिनमें राजनैतिक दलों ने महिला उम्मीदवारों को चुनावी समर में उतारा था। सबसे ज्यादा आठ महिलाओं को कांग्रेस ने विधानसभा की टिकट दियाय था, बसपा ने पांच, भाजपा ने तीन महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारा था। यहां की तीस विधानसभा सीटों में मात्र तीन महिला विधायक हैं, जिनमें से दो भाजपा और एक कांग्रेस की विधायक हैं। बता दें कि भाजपा ने यहां पर पिछले विधानसभा चुनाव में कुल 24 सीटें जीती थी
विधानसभा चुनाव में महिलाओं को टिकट देने के मामले में भले ही भाजपा ने कंजूसी दिखाई हो लेकिन सतना जिले की रैगांव विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में पार्टी ने जिले में पहली बार उपचुनाव में किसी महिला को विधानसभा की टिकट दी थी। उपचुनाव में भाजपा ने जिला महामंत्री प्रतिमा बागरी को चुनावी समर में उतारा था, हालांकि उन्हें चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी कल्पना वर्मा से मात खानी पड़ी थी। कांग्रेस ने उपचुनाव में अपनी 2013 की प्रत्याशी कल्पना वर्मा पर ही भरोसा जताया था।
मानपुर व जैतपुर में महिला विधायक
विंध्य में भाजपा की दो महिला विधायक हैं, एक उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा सीट से मीना सिंह, वे वर्तमान में शिवराज सरकार में मंत्री हैं। पार्टी की दूसरी महिला विधायक शहडोल जिले की जैतपुर विधानसभा से मनीषा सिंह। मानपुर और जैतपुर विधानसभा की सबसे बड़ी बात यह रही कि पिछले चुनाव में मानपुर से भाजपा – कांग्रेस एवं बसपा जैसे तीनों प्रमुख राजनैतिक दलों ने विधानसभा टिकट महिलाओं को दिया था,तो जैतपुर में भाजपा और काग्रेस से चुनावी समर में महिलाएं ही मैदान में थीं।
सिंगरौली में ‘आप’ की दमदार मौजूदगी, यहां थी महिला प्रत्याशी
2018 के विधानसभा चुनाव में वैसे तो सभी की निगाहें भाजपा, कांग्रेस और बसपा के उम्मीदवारों पर थी, लेकिन जब चुनाव परिणाम सामने आए तो सिंगरौली जिले की सिंंगरौली विधानसभा सीट के नतीजों ने सबको चौका दिया। यहां जीत भले ही भाजपा को मिली हो लेकिन पहली बार चुनावी समर में आम आदमी के झाडू चुनाव चिन्ह से उतरी रानी अग्रवाल ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। भाजपा, कांग्रेस के बाद रानी अग्रवाल चुनाव में 21.59 फीसदी मत लेकर तीसरे स्थान पर रहीं। हाल ही में सम्पन्न हुए निकाय चुनाव में वे सिंगरौली नगर निगम की मेयर चुनी गई हैं। कुल मिलाकर आम आदमी की विंध्य में दमदार मौजूदगी महिला नेत्री के दम पर है।
तीन राजनैतिक दल : 5 जिले, 16 महिला उम्मीदवार
2018 के विधानसभा चुनाव में यदि विंध्य में भाजपा, कांग्रेस और बसपा जैसे प्रमुख राजनैतिक दलों द्वारा चुनावी मैदान में उतारी गई महिलाओं की बात करें तो विंध्य के सात में से 6 जिलों की 9 ऐसी विधानसभा सीटें थीं, जिनमें महिलाओं को भाजपा, कांग्रेस और बसपा ने टिकट दिया था। इन जिलों में तीन प्रमुख दलों ने 16 महिलाओं को टिकट दी थी, जिनमें से तीन को विधायक बनने का मौका मिला है। इनमें से भाजपा की टिकट से दो और कांग्रेस की टिकट से एक महिला विधायक हैं। किस जिले की कौन सी विधानसभा सीट में रजनैतिक दलों द्वारा महिलओं को दी गई टिकट की यदि बात की जाए तो सतना, शहडोल, उमरिया की एक- एक विधानसभा सीट और रीवा की चार एवं सिंगरौली की दो विधानसभा सीट पर महिलाओं को मैदान में उतारा गया था।