मुंबई। इंडिया ब्लॉक में इन दिनों जमकर खटपट देखने को मिल रही है। गठबंधन से जुड़ी पार्टियां आए कांग्रेस को अपने निशाने पर ले रही है। इसी कड़ी में मुंबई-नागपुर महानगर पलिका का चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर चुके शिवसेना (यूबीटी) गुट राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इंडिया गठबंधन को लेकर कांग्रेस को जमकर खरीखोटी सुनाई है। इतना ही नहीं उन्होंने कांग्रेस को भाजपा से सीख लेने की भी सलाह दे डाली है। बता दें कि इन दिनों इंडिया ब्लॉक के भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसकी बड़ी वजह गठबंधन से जुड़ी पार्टियां ही हैं। कुछ पार्टियां तो यहां तक कह चुकी हैं कि इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव तक ही था, अब उसे खत्म देना चाहिए। इसी लिस्ट में शिवसेना यूबीटी भी शामिल हैं।
शिवसेना सांसद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि जब उनकी पार्टी भी भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए में शामिल हुआ करती थी, लेकिन मौके को देखकर भाजपा ने हमेशा त्याग किया। राउत ने कहा कि इंडिया ब्लॉक की स्थापना लोकसभा के लिए हुई थी लेकिन हमें चाहिए कि इसे बनाए रखें। उन्होंने चुनावी राज्य केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली का जिक्र करते हुए कहा कि अगर ये गठबंधन वहां भी नजर आता तो और बेहतर होता। गौरतलब है कि संजय राउत ने एक दिन पहले भी कांग्रेस को आगे बढ़कर बातचीत शुरू करने की सलाह दी थी और कहा था कि गठबंधन में बड़ा भाई होने के नाते ये कांग्रेस की जिम्मेदारी है। उन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद इंडिया ब्लॉक की कोई बैठक नहीं होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था और लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बहुमत के आंकड़े से दूर रखने में सफलता की सराहना की थी।
बड़ी पार्टियों को करना चाहिए समझौता
संजय राउत ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि सभी राजनीतिक दलों को समझौता करना चाहिए, खासकर बड़ी पार्टियों को। शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद ने शिवसेना के एनडीए वाले दिन याद करते हुए कांग्रेस को बीजेपी से सीख लेने की नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि ये (त्याग) ऐसा ही है जैसा बीजेपी किया करती थी जब हम एनडीए में थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को भी ऐसा त्याग करना चाहिए। संजय राउत ने कहा कि वहां हमेशा बातचीत चलती रहती थी।
उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा था
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि इंडिया ब्लॉक अगर सिर्फ संसदीय चुनावों के लिए ही था तो इसे समाप्त कर देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि गठबंधन में संवाद और बैठकें नहीं होती हैं तो अस्पष्टता की स्थिति बनी रहती है। उमर अब्दुल्ला के इस बयान के बाद विपक्षी इंडिया ब्लॉक में शामिल दलों के बीच ही गठबंधन के औचित्य और भविष्य को लेकर बहस छिड़ गई है।