अब मिशन एमपी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तैयारी में जुटी बीजेपी
कांग्रेस भी बना रही रणनीति, प्रियंका गांधी संभालेंगी मोर्चा

भोपाल। मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार बरकरार रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अब एमपी मिशन शुरू होने जा रहा है। वैसे तो 2023 में विधानसभा चुनाव राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश समेत 5 राज्यों में होंगे लेकिन एमपी पर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व का फोकस कुछ ज्यादा ही है। शायद ही वजह है कि, प्रधानमंत्री मोदी लगातार एमपी का दौरा कर रहे हैं। इस महीने के अंत में मोदी एक बार फिर मध्यप्रदेश की धरती पर कदम रखेंगे। महाकौशल में उनका दौरा संभावित है। इससे पहले दो बार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह विंध्य का दौरा कर चुके हैं। इधर बीजेपी भी मोदी के दौरे को लेकर उत्साहित दिख रही है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनय सहस्त्रबुद्धे भी कह रहे हैं। मध्यप्रदेश का चुनाव पीएम मोदी और सीएम शिवराज के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा।
इधर बीजेपी अपने ब्लू प्रिंट पर आगे बढ़ रही है तो कांग्रेस ने भी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। 12 जून को प्रियंका गांधी जबलपुर आ रही हैं। दिग्विजय सिंह न जीतने वाली 66 सीटों पर सक्रिय हैं। अब पार्टी में उपेक्षित रहे अजय सिंह और अरुण यादव जैसे वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। अरुण यादव को बुंदेलखंड का जिम्मा मिला है। जाहिर है कि, अजय सिंह और अरूण यादव जाति सीमकरण को तो साधेंगे ही साथ ही कांग्रेस के पक्ष में माहौल भी बनाएंगे। वहीं सूत्र बताते हैं कि प्रदेश के दिग्गज नेताओं को अलग-अलग कमेटी बनाकर जिम्मेदारी दी जाने वाली है, जिसकी मॉनिटरिंग सीधे प्रियंका गांधी करेंगी। महाकौशल, विंध्य और बुंदेलखंड ये तीन अंचल ना सिर्फ कांग्रेस बल्कि बीजेपी के लिए काफी अहम है क्योंकि 2018 के चुनाव में महाकौशल की 38 सीटों में से बीजेपी को 13 तो कांग्रेस को 24 सीटें मिली थीं। वहीं विंध्य की 30 सीटों की बात करें तो बीजेपी के खाते में 24 और कांग्रेस के हिस्से में महज 6 सीटें ही आईं थीं जबकि बुंदेलखंड की 26 सीटों में से 17 पर बीजेपी ने कब्जा किया था और 7 सीटें कांग्रेस जीतने में कामयाब रही थी। अब आंकड़ो से जाहिर है कि, बीजेपी और कांग्रेस इन अंचलों पर क्यों जोर दे रही है। खैर मोदी का दौरा और कांग्रेस की रणनीति जाति समीकरणों को कितना और कैसे साध पाएगी ये भी चुनाव के नतीजे साफ कर देंगे।