मध्यप्रदेश के छह प्रतिशत मुस्लिमों पर बीजेपी की नजर
राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के माध्यम से इस वर्ग में पैठ जमाने की कोशिश
भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनाव के ठीक पहले मुसलमानों का साधने के लिए बीजेपी की तरफ से राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने मोर्चा संभाल लिया है। राष्ट्रवाद और देशप्रेम के जरिये मुस्लिम मतदाताओं में पैठ बढाने राष्ट्रीय मुस्लिम मंच भोपाल में मुसलमान युवाओं की ट्रेनिंग का बड़ा कैंप आयोजित करने जा रहा है। इस पर कांग्रेस तंज कस रही है। ज्ञात रहे कि मध्यप्रदेश में छह प्रतिशत से अधिक मुसलमान हैं, जो कांग्रेस का वोट बैंक माने जाते हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मुस्लिम शाखा यानी राष्ट्रीय मुस्लिम मंच लगातार इस वर्ग में पैठ जमाने की कोशिश कर रहा है। मध्यप्रदेश में चुनावी साल में उसके आयोजन के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी होने से बचाकर राष्ट्रवादी बनाने के लिए मंच भोपाल में ट्रेनिंग कैंप लगा रहा है। मंच के प्रमुख संघ नेता इंद्रेश कुमार अब तक मंच के जरिए देशभर में करीब सवा लाख मुस्लिम कार्यकर्ता जोड़ चुके हैं। मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच अब तक 5 हज़ार कार्यकर्ता बना चुका है। अब भोपाल के पीपुल्स कैंपस में मंच चार दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करने जा रहा है। यह आयोजन में 9 से 11 जून तक ट्रेनिंग होगी। देशभर के मुस्लिम युवाओं को राष्ट्रवाद, समान नागरिक संहिता, एक देश एक ध्वज एक कानून, और कट्टरपंथ भारत के लिए खतरा जैसे जैसे विषयों पर उद्बोधन के जरिये राष्ट्रवाद से जोड़ा जाएगा। इंद्रेश कुमार समेत देशभर से जाने माने मुस्लिम मौलाना, उलेमा, और मुस्लिम स्कॉलर के साथ कार्यक्रम में संघ के कई बड़े नेताओं के उद्बोधन भी होंगे। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के मध्यप्रदेश संयोजक डॉ. फारुख खान ने बताया कि इस आयोजन की पूरी तैयारी हो चुकी है। यह पूरी तरह गैर राजनीतिक आयोजन है। लेकिन कांग्रेस बीजेपी पर मुस्लिम मंच के इस्तेमाल और मुस्लिम युवाओं को बरगलाने के आरोप लगा रही है। वहीं बीजेपी कह रही है कि यदि मुस्लिम युवा देशभक्त बनें, तो भला बुरा क्या है। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच 9 जून से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम के पहले मुस्लिम इलाकों में जागरूकता अभियान भी चलाएगा। सच्चा मुसलमान, अच्छा नागरिक के स्लोगन के साथ मंच मुस्लिम इलाकों में पैठ बढ़ा रहा है ताकि स्थानीय स्तर पर भी बड़ी संख्या में मुस्लिम युवा मंच की विचारधारा से जुड़ सकें। मप्र में इस साल विधानसभा के चुनाव हैं और अगले 2024 में लोकसभा चुनाव। इससे पहले संघ और तमाम अनुषांगिक संगठनों की सक्रियता क्या बीजेपी को 23 में प्रदेश और 24 में देश की सत्ता में वापसी करा पाएगी।