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संकट के बीच सीरम के सीईओं का बड़ा बयान, कहा- जुलाई तक रह सकती है वैक्सीन की कमी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Corona virus) का कहर इतना खतरनाक स्थिति पैदा कर देगा, इस बात की संभावना शायद ही किसी ने लगाई होगी। अब इस संकट (Problem) से निपटने के लिए भारत ने वैक्सीनेशन (Vaccination) को सभी के लिए खोल दिया है, लेकिन सबसे बड़ा संकट अब वैक्सीन (vaccine) की कमी का आ रहा है। देश के कई हिस्सों में वैक्सीन ना होने के कारण या तो सेंटर्स बंद पड़े हैं या फिर नया चरण शुरू नहीं हो सका है। इस बीच भारत में वैक्सीन के सबसे बड़े निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया (Serum Institute of India) के अदार पूनावाला (Adar Poonawala) ने एक बयान दिया है, जो वैक्सीन की कमी की चिंता को और भी बढ़ाता है।

जुलाई तक रहेगी वैक्सीन की कमी- पूनावाला
इधर एक मई से देश में टीकाकरण अभियान(Vaccination campaign) का तीसरा चरण (third step) शुरू हो गया है, लेकिन वैक्सीन की कमी ने अभियान की रफ्तार थोड़ी धीमी कर दी है। इसी बीच आॅक्सफोर्ड -एस्ट्राजेनेका (Oxford – AstraZeneca) की वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट के CEO अदार पूनावाला ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जुलाई तक देश में वैक्सीन की कमी देखी जा सकती है।





एक अंग्रेजी मीडिया वेबसाइट की रिपोर्ट (English media website report) के मुताबिक, अदार पूनावाला ने कहा कि एक दिन में 60-70 मिलियन खुराकों से 100 मिलियन खुराकों तक उत्पादन क्षमता (production capability) बढ़ाने में जुलाई तक का समय लग जाएगा। वैक्सीन की कमी उस समय हो रही है, जब केंद्र ने 18 साल की उम्र से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी दे दी है।

‘जनवरी में दूसरी लहर आने की उम्मीद नहीं थी’
रिपोर्ट में पूनावाला के हवाले से बताया गया है कि अधिकारियों को जनवरी में दूसरी लहर का सामना करने की उम्मीद नहीं थी, जब नए कोविड-19 मामलों में गिरावट आई थी। हर किसी को लगने लगा था कि देश ने कोरोना की पहली लहर को हरा दिया है।





‘सीरम इंस्टीट्यूट को बदनाम करने की कोशिश की’
अपनी कंपनी का बचाव करते हुए पूनावाला ने कहा कि वैक्सीन की कमी को लेकर राजनेताओं (Politicians) और आलोचकों (Critics) की ओर से सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) को बदनाम करने की कोशिश की गई। ज्यादा वैक्सीन बनाने को लेकर अदार पूनावाला ने कहा कि हमारे पास पहले से कोई आदेश नहीं था, हमें नहीं लगता था कि हमें एक साल में एक बिलियन खुराकें (One billion doses) बनानी होंगी। वहीं शनिवार की रात को पूनावाला ने ट्विटर पर पोस्ट किया कि यूके में हमारे सभी हितधारकों और भागीदारों के साथ बैठक की गई, हालांकि बैठक में मौजूद लोगों को ये बताते हुए अच्छा लगा कि पुणे में कोविशील्ड का उत्पादन जोरो पर है।

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