मोदी मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल की सुगबुगाहट, संगठन में भी बदलाव के संकेत, जानें क्या होने वाला है?
मोदी मंत्रिमंडल और संगठन में बड़े बदलाव की चर्चा तेज हो गई है। इस बदलाव में किस पर गाज गिरेगी और किसके इनाम मिलेगा ये बड़ा सवाल है।

2023 इस नये साल को चुनावी साल कहना गलत नहीं होगा। क्योकि इस साल देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। अगर जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव होते हैं। तो पूरे 10 राज्यों में चुनाव होंगे। जिसको लेकर तमाम राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। खासतौर पर बीजेपी मिशन मोड में है। यही कारण है कि अब जल्द ही केंद्र की मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव के कयास लगाए जाने लगे हैं।पार्टी मुख्यालय से पीएमओ तक उच्च स्तरीय बैठकों की गहमागहमी मोदी कैबिनेट में बड़े फेरबदल का संकेत दे रही है। माना जा रहा है कि 18 जनवरी के बाद मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल हो सकता है। बजट सत्र से पहले ही विस्तार और बदलाव होने की संभावना है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 16-17 जनवरी को है। 23 जनवरी को नड्डा अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। बजट सत्र 31 जनवरी से है। ऐसे में नई टीम 18 से 25 जनवरी के बीच बन सकती है।बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक, पार्टी संगठन में भी बड़े बदलाव की संभावना है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी जनवरी में आयोजित होनी है। वहीं, अगले साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके अलावा, 2024 में लोकसभा चुनाव हैं। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखकर सरकार और संगठन में बदलाव की चर्चाएं तेज हुई हैं।
किसे मिलेगा इनाम, किस पर गिरेगी गाज?
बीजेपी में तो वैसे सरकार और संगठन में किसे रखना है। किसे नई जिम्मेदारी देना है। और किसे हटाना है। ये तो सिर्फ पीएम मोदी ही बता सकते हैं। लेकिन सूत्रों के मुताबिक जो जानकारी सामने आ रही है।अगर मोदी मंत्रिमंडल और संगठन में बदलाव होता है। तो यही टीम इस साल 10 राज्यों के विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाएगी। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, धमेंद्र प्रधान और अनुराग ठाकुर को नई और अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। वही सीआर पाटिल को भी गुजरात चुनाव में मिली जीत का इनाम दिया जा सकता है। उन्हे दिल्ली में अहम भूमिका में रखा जा सकता है। वहीं, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के लिए भी नई जगह तलाशी जा रही है।
इस तरह के हो सकते हैं बदलाव
चुनावी राज्य मध्यप्रदेश,कर्नाटक, छत्तीसगढ़, राजस्थान के कुछ नेताओं को भी सरकार और संगठन में कोई बड़ी और अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। 5 मंत्रियों पर भी गाज गिर सकती है। इनके अतिरिक्त प्रभार कम किये जा सकते हैं। गुजरात की जीत में अहम भूमिका निभाने वालों को इनाम मिल सकता है। ओबीसी, अनुसूचित जाति और आदिवासी को भी सरकार और संगठन में ज्यादा जगह दी जा सकती है।महाराष्ट्र में शिवसेना के शिंदे गुट को भी एक स्थान दिया जा सकता है। एक पूर्व ब्यूरोक्रेट कैबिनेट मंत्री को हटाए जाने की खबर सामने आ रही है। वही महिलाओ के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने पर भी जोर दिया जा सकता है। वही कम से कम 3 कैबिनेट मंत्री संगठन में लाने पर विचार किया जा रहा है। मतलब साफ है कि भाजपा पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुकी है। सरकार और संगठन में जो नई टीम तैयार की जाएगी। यही टीम 10 राज्यों के विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव में भाजपा की नैया पार लगाएगी।