तीसरी लहर से पहले केन्द्र की बड़ी तैयारी, जरूरी दवाओं का एक महीने रहेगा बफर स्टॉक
प्रमुख खबरें : नई दिल्ली। कोरोना (Corona) की तीसरी लहर (Third Wave) की सुगबुगाहट के बीच केन्द्र सरकार (central government) ने बड़ी तैयारी शुरू कर दी है। दूसरी लहर (Second Wave) में मची तबाही को देखते हुए सरकार ने जरूरी दवाओं का 30 दिन के बफर स्टॉक (30 days buffer stock) की योजना बनाई है। जीवन रक्षक दवाओं (life saving drugs) के अलावा, सरकार आम दवाओं और सप्लिमेंट्स जैसे पैरासिटामोल (paracetamol), एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) और विटामिन का भी स्टॉक बना रही है।
सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक केंद्र सरकार तीसरी लहर से पहले रेमेडिसविर (remdesivir) की 5 मिलियन शीशियों की खरीद करने की योजना बना रही है। बेहतर यह है कि इस बार सरकार अग्रिम भुगतान कर रही है। सरकार रेमेडिसविर, फैविपिरविर सरीखी दवाओं का स्टॉक बना रही है, ताकि दूसरी लहर जैसी हालत ना पैदा हो।
डब्ल्यूएचओ (WHO) ने कुछ दिनों पहले चेताया था कि दुनियाभर में कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप बड़ी तेजी के साथ बढ़ रहा है। आने वाली तीसरी लहर का सबसे बड़ा कारण सार्स-कोव-2 का डेल्टा वेरिएंट (Delta variant of SARS-CoV-2) है, जिसका पहला मामला भारत में मिला था। WHO की चेतावनी भारत के लिए भी एक खतरे का संकेत है क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने भी कहा था कि भारत में Covid-19मामलों में गिरावट की रफ्तार धीमी हो गई है। भारत में अब भी महाराष्ट्र, केरल और पूर्वोत्तर के कुछ जिलों सहित कुछ इलाकों में कोविड-19 (Covid-19) की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
तीन हफ्ते बाद आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर
वहीं आईसीएमआर (ICMR) के मुख्य संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. समीरन पांडा (Dr. Samiran Panda) ने भी चेतावनी दी है कि देश की जनता द्वारा की जा रही बड़ी लापरवाही के कारण कोरोना की तीसरी लहर अगस्त में दिखाई दे सकती है। पांडा ने गणितीय आकलन के आधार पर यह भी आगाह किया है कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर से कम खतरनाक होगी, लेकिन वर्तमान समय में मिल रहे मरीजों के मुकाबले यह संख्या दोगुनी रहेगी। अगस्त में आने वाली लहर के दौरान रोजाना एक लाख से अधिक मामले सामने आ सकते हैं।
हालांकि, दूसरी लहर की तुलना में यह काफी कम है, क्योंकि मई के पहले सप्ताह के दौरान देश में रोजाना चार लाख से भी अधिक मामले सामने आए थे। मौजूदा स्थिति देखें तो औसतन 40 से 45 हजार मामले रोजाना सामने आ रहे हैं। इसी के हिसाब से विशेषज्ञों ने तीसरी लहर में कोरोना के नए मामलों में 50 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान जताया है।