भारत जोड़ो यात्रा: राहुल के यात्रा की जिम्मेदारी थी इनके कंघों पर, बड़े नेताओं ने किया परहेज
राहुल गांधी मप्र में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पूरे 12 दिन मालवा-निमाड़ में बिताए थे, लेकिन यात्रा के इंतजाम औसत रहे। यात्रा में कन्याकुमारी से चल रहे पैदल यात्रियों ने कहा कि महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में यात्रा दिन में जहां रुकती थी, वहां बड़े डोम लगाए जाते थे। मध्यप्रदेश में ज्यादातर जगहों पर टेंट लगाए गए।
इंदौर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा के साथ मप्र में 12 दिन बिताकर रविवार को राजस्थान पहुंच गए हैं। राहुल गांधी ने मप्र में भारत जोड़ो यात्रा की एंट्री बुरहानपुर से कराई थी। जिसके बाद वह खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन होते हुए आगर मालवा पहुंचे थे। मप्र में यह उनका आखिरी पड़ाव था। इस दौरान उन्होंने मप्र में 370 किलो मीटर का सफर किया। उनकी यात्रा के दौरान भीड़ भी खूब देखने को मिली। हालांकि तैयारियां कुछ खास देखने को नहीं मिली। यही वजह रही की राहुल की टीम ने मप्र को कोई ग्रेड नहीं, जबकि महाराष्ट्र को एक प्लस ग्रेड मिला था। अब इससे जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है।
खबर के मुताबिक राहुल गांधी की यात्रा के दौरान मप्र कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने इंतजामों पर पैसे खर्च करने से परहेज किया है। जबकि छोटे नेताओं ने राहुल गांधी की यात्रा के दौरान तैयारियों में खूब पैसे खर्च किए है। इनमें ज्यादातर वह नेता शामिल हैं, जिनको अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में फिर से टिकट चाहिए। बता दें कि मप्र में 12 दिनों के दौरान राहुल की भारत जोड़ो यात्रा ने 24 जगहों पर विश्राम किया। इन सभी जगहों पर टेंट और भोजन का इंतजाम इंदौर नंबर 1 से विधायक संजय शुक्ला और विशाल पटल के करना पड़ा।
इन नेताओं की जेब हुई ढीली
वहीं 12 दिनों की यात्रा के दौरान स्वागत मार्ग का पूरा खर्चा राऊ से विधायक जीतू पटवारी ने उठाया, जबकि इंदौर के राजवाड़ा में आयोजित की गई जनसभा की जिम्मेदारी शहर कांग्रेस को दी गई थी। इसी तरह महू की सभा का खर्च पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार ने उठाया। उन्होंने भीड़ भी जुटाई। इसके अलावा चिमनबाग पर हुए इवेंट का खर्च विवेक तन्खा और पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल ने उठाया। जबकि उज्जैन की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और सुसनेर की विधायक जयवर्धन सिंह को दी गई थी।
व्यवस्थाएं थीं बदतर
बता दें राहुल गांधी मप्र में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पूरे 12 दिन मालवा-निमाड़ में बिताए थे, लेकिन यात्रा के इंतजाम औसत रहे। यात्रा में कन्याकुमारी से चल रहे पैदल यात्रियों ने कहा कि महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में यात्रा दिन में जहां रुकती थी, वहां बड़े डोम लगाए जाते थे। मध्यप्रदेश में ज्यादातर जगहों पर टेंट लगाए गए। उसमें भी पंखे, कूलर के इंतजाम नहीं के बराबर थे। आगर में तो कमलनाथ की पत्रकार वार्ता में ठीक से माइक का इंतजाम तक नहीं था।
राहुल ने ली थी नाथ की चुटकी
राहुल गांधी ने 23 नवंबर को जब मध्य प्रदेश की सीमा में प्रवेश किया था तब उन्होंने महाराष्ट्र कांग्रेस को यात्रा के इंतजाम के लिए ए-प्लस ग्रेड दिया था। मध्यप्रदेश से राजस्थान में यात्रा ने प्रवेश किया तो मध्यप्रदेश कांग्रेस के इंतजामों को कोई ग्रेड नहीं दिया गया। राजस्थान की पहली सभा में राहुल ने कमलनाथ पर चुटकी भी ली थी कि- ‘कमलनाथ को मैने चैलेंज दिया था महाराष्ट्र से अच्छा स्वागत मध्यप्रदेश में होना चाहिए। तब नाथ ने मुझसे कहा था कि मेरे पास स्पेशल टेक्निक है, मैं महाराष्ट्र को हरा दूंगा।’