23 अगस्त से शुरू होगा भाद्रपद मास, जानें इस मास के महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार
हिंदी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद का प्रारंभ रक्षा बंधन के अगले दिन अर्थात 23 अगस्त से हो रहा है जो कि 20 सितंबर को समाप्त होगा । साल के छठे महीने को भाद्रपद अथवा भादों का महीना कहा जाता है। ये चातुर्मास के चार पवित्र महीनों में दूसरा है। ये भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना भी है। इस महीने कई बड़े और खास व्रत त्योहार मनाए जाएंगे। इस मास में हरियाली तीज, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, अनंत चतुर्दशी, अजा एकादशी और परिवर्तनी एकादशी जैसे कई अन्य महत्वपूर्ण पर्व और त्योहार पड़ रहें हैं. आइये जानें भादों के महीने में पड़ने वाले प्रमुख पर्व व त्योहारों ।
भादों माह के अति महत्वपूर्ण व्रत और पर्व
कजली या कजरी तीज (25 अगस्त)
यह व्रत भादों महीने का पहला महत्वपूर्ण व्रत है। कजली या कजरी तीज भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है. यह 25 अगस्त 2021 दिन बुधवार को मनाया जायेगा।
बहुला चतुर्थी (25 अगस्त)
भाद्रपद कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को बहुला चौथ व्रत होता है। संतान की रक्षा के लिए ये व्रत किया जाता है। इसमें गणेशजी की विशेष पूजा होती है।
हलषष्ठी (28 अगस्त)
कृष्णपक्ष की छठी यानी षष्ठी तिथि को बलराम जी का जन्मदिवस यानी हलषष्ठी का व्रत किया जाता है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी (30 अगस्त)
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर साल भादों मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल जन्माष्टमी का त्योहार 30 अगस्त 2021 दिन सोमवार को पड़ रहा है।
अजा एकादशी (2 सितंबर)
भादों महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी कहते हैं। अजा एकादशी का व्रत 3 सितंबर 2021 को रखा जाएगा।
भाद्रपद अमावस्या (6 सितंबर)
भाद्रपद मास की अमावस्या 7 सितंबर को पड़ रही है। अमावस्या के दिन पिंड दान, तर्पण आदि धर्म कर्म किया जाता है।
हरतालिका तीज (9 सितंबर)
हरतालिका तीज का व्रत 9 सितंबर को रखा जाएगा। यह व्रत हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि मानते हैं। हरतालिका तीज के दिन माता पार्वती की गौरी के रूप में की पूजा की जाती है।
गणेश चतुर्थी(10 सितंबर)
भादों के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाई जाती है। गणेश चतुर्थी 10 सितंबर को है। इस दिन श्री गणेश भगवान की स्थापना की जाती है और इनका विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है।
ऋषि पंचमी(11 सितंबर)
ऋषि पंचमी का व्रत 11 सितंबर 2021 को रखा जाएगा। हिंदू धर्म में भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी के नाम से जाना जाता है।
जलझूलनी एकादशी (17 सितंबर)
इस दिन को डोल ग्यारस भी कहा जाता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु के लिए व्रत-उपवास किए जाते हैं।
अनंत चतुर्दशी (19 सितंबर)
इस दिन अनंत चतुर्दशी व्रत किया जाता है। इस पर्व पर गणेश उत्सव के समापन के साथ भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन करने की परंपरा भी है।
परिवर्तनी एकादशी (17 सितंबर)
परिवर्तनी एकादशी को देवझूलनी अथवा पदमा एकादशी भी कहते है। परिवर्तनी एकादशी का व्रत 17 सितंबर को रखा जायेगा। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तनी एकादशी कहते हैं।
अनंत चतुर्दशी (19 सितंबर)
अनंत चतुर्दशी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस साल यह 19 सितंबर दिन रविवार को पड़ेगी.
भाद्रपद पूर्णिमा (20 सितंबर)
भादों की पूर्णिमा 20 सितंबर 2021 को पड़ रही है। यह भाद्रपद मास की अंतिम तिथि व दिन है. इसके बाद अश्विन मास का प्रारंभ होगा।