धर्म

श्रावण में पूजा करने से पहले जान लें महादेव को क्या प्रिय है और क्या अप्रिय

हम सभी जानते हैं कि महादेव और माता पार्वती को समर्पित श्रावण मास आने वाला है। सावन का महीना 25 जुलाई से शुरू होने वाला है। यह महीना भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। भगवान शिव को श्रावण मास पसंद है और इस दौरान उनकी पूजा अर्चना करने से वो जल्‍दी प्रसन्‍न हो जाते हैं। ऐसी मान्‍यता है कि महादेव को श्रावण मास सबसे प्रिय महीना लगता है क्योंकि श्रावण मास में सबसे अधिक वर्षा होने के आसार रहते हैं, जो शिव के गर्म शरीर को ठंडक प्रदान करता है। ऐसी मान्यता है कि प्रबोधनी एकादशी (सावन के प्रारंभ) से सृष्टि के पालन कर्ता भगवान विष्णु सारी ज़िम्मेदारियों से मुक्त होकर अपने दिव्य भवन पाताललोक में विश्राम करने के लिए निकल जाते हैं और अपना सारा कार्यभार महादेव को सौंप देते है। भगवान शिव पार्वती के साथ पृथ्वी लोक पर विराजमान रहकर पृथ्वी वासियों के दुःख-दर्द को समझते है एवं उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं, इसलिए सावन का महीना खास होता है। ऐसे में भगवान का हर भक्त उन्हें प्रसन्न करना चाहता है और अपने मन की मुराद पूरी करना चाहता है। ऐसे में महादेव की पूजा करने से पहले ये जान लीजिए कि कौन सी चीज महादेव को पसंद है और कौन सी चीज नापसंद। ताकि आप महादेव को उनकी पसंदीदा चीजों को अर्पित करके उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।

महादेव को प्रिय हैं ये चीजें
दूध:
भगवान शिव को दूध चढ़ाने के पीछे का कारण समुद्र मंथन से जुड़ा हुआ है। दरअसल, मंथन में निकले विष को जब भगवान शिव ने ग्रहण किया तो विष के कारण उनका शरीर जलने लगा। उस वक्‍त देवी-देवताओं ने उनसे दूध पीने का आग्रह किया और दूध पीते ही शिव जी के शरीर की जलन खत्‍म हो गई। इसीलिए शिव जी को दूध बहुत प्रिय है और उनका अभिषेक दूध से किया जाता है।

बेलपत्र:
भगवान शिव का अभिषेक-पूजा करते समय बेलपत्र जरूर चढ़ाया जाता है। इसके अलावा शिव जी को धतूरा, चंदन, केसर, भांग, इत्र, अक्षत, शक्कर, दही, घी, शहद, गंगाजल, गन्ने का रस भी चढ़ाया जाता है। ये सभी चीजें शिव जी को बहुत प्रिय हैं।

कनेर का फूल:
कनेर का फूल शिवजी को बहुत प्रिय है। कहते हैं इस पूरे महीने शिव जी को यह फूल चढ़ाने से भक्‍त की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसके अलावा उन्‍हें आक के फूल अर्पित करना भी बहुत अच्‍छा होता है।

सावन मास में ससुराल आते हैं शिव
सावन मास में भगवान शिव अपने ससुराल आए थे, जहां पर उनका अभिषेक करके धूमधाम से स्वागत किया गया था। इस वजह से भी सावन माह में अभिषेक का महत्व है। इस माह में भगवान शिव और माता पार्वती भू-लोक पर निवास करते हैं।

भगवान शिव को ना-पसंद हैं ये चीजें
– शिव जी को कभी नारियल या नारियल पानी न चढ़ाएं।
– तुलसी का पत्ता भी भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए।
– केतकी और केवड़े का फूल महादेव की पूजा में वर्जित है, इसे कभी भी न चढ़ाएं।
– महादेव की पूजा में शंख वर्जित माना गया है।
– शिव जी को हमेशा चंदन लगाना चाहिए. रोली या कुमकुम का प्रयोग उनकी पूजा में न करें।

सावन में शिव ने किया था विषपान
पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन सावन मास में हुआ था। इस मंथन से विष निकला तो चारों तरफ हाहाकार मच गया। संसार की रक्षा करने के लिए भगवान शिव ने विष को कंठ में धारण कर लिया। विष की वजह से कंठ नीला पड़ गया और वे नीलकंठ कहलाए। विष का प्रभाव कम करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने भगवान शिव को जल ​अर्पित किया, जिससे उन्हें राहत मिली। इससे वे प्रसन्न हुए। तभी से हर वर्ष सावन मास में भगवान शिव को जल अर्पित करने या उनका जलाभिषेक करने की परंपरा बन गई।

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