उपचुनाव की घोषणा से पहले कांग्रेस में मंथन शुरू, भाजपा को घेरने बनेगी रणनीति

मध्यप्रदेश: भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में तीन विधानसभा और लोकसभा सीट पर उपचुनाव by-election() की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इन चुनावों को लेकर दोनों प्रमुख पार्टियां भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने अपनी-अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamalnath)निवास पर बड़ी हो रही है। इस बैठक प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक (Mukul Wasnik) समेत कई बड़े नेता शामिल हुए हैं। कांग्रेस यह बड़ी बैठक कर रणनीति, मुद्दो, प्रत्याशी चयन पर मंथन कर रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी की कोशिश है कि उप चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाए।
सूत्र यह भी बता रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उप चुनाव को लेकर एक सर्वे (Survey) भी कराया है जिसे आज मंथन के बीच रखा जाएगा। पार्टी के सर्वे और स्थानीय नेताओं से रायशुमारी के बाद ही उम्मीदवार तय होगा। प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक ने एक बातचीत में कहा कि यह बैठक राज्य में होने वाले चार उपचुनावों को लेकर बुलाई गई है और इस बैठक में प्रत्याशियों के चयन को लेकर मंथन किया जाएगा। लेकिन उम्मीदवारों के बारे में अभी फैसला नहीं लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी उप चुनाव में देश में बढ़ती महंगाई और आम आदमी की परेशानी को बड़ा मुद्दा बनाएगी। मुकुल वासनिक ने कहा कि BJP जो हथकंडे अपनाना चाहती है वह अपना ले, लेकिन जनता में बीजेपी सरकार (BJP government) को लेकर रोष है और यह रोष जनता अपने वोट के रूप में कांग्रेस को देगी। वहीं उपचुनाव की घोषणा से पहले कांग्रेस टिकट को लेकर घमासान बढ़ता जा रहा है।
खंडवा लोकसभा सीट (Khandwa Lok Sabha seat) को लेकर निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा (Surendra Singh Shera) ने अपने समर्थकों के साथ पीसीसी चीफ कमलनाथ से मुलाकात की। शेरा ने खंडवा लोकसभा सीट पर अपनी पत्नी के लिए कांग्रेस से टिकट की मांग रखी है। शेरा ने कमलनाथ के सामने दावा किया है कि खंडवा सीट पर यदि कोई सर्वे होता है तो उससे उनकी पत्नी की जीत की रिपोर्ट आएगी। ऐसे में पार्टी को उनकी पत्नी को टिकट देना चाहिए। खंडवा सीट पर कांग्रेस के सीनियर लीडर अरुण यादव (Arun Yadav) पहले ही अपने को प्रबल दावेदार बता चुके हैं। ऐसे में खंडवा लोकसभा सीट पर सुरेंद्र सिंह शेरा के अपनी पत्नी का नाम आगे बढ़ाने पर पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।