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मप्र में बंदिश बेअसर: इंदौर-भोपाल और जबलपुर में नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन के बाद भी कम नहीं हो रहे केस

  • राजधानी में रोजाना 500, तो जबलपुर में डेढ़ गुना बढ़े नए मरीज

  • इंदौर में प्रतिदिन 700 के करीब आ रहे नए मामले

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना लगातार बेकाबू होता जा रहा है। शासन-प्रशासन की तमाम कोशिशों और सख्तियों के बाद भी कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आलम यह है कि प्रदेश के तीन प्रमुख शहरों इंदौर, भोपाल और जबलपुर में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने पर नाइट कर्फ्यू के साथ ही संडे को लॉकडाउन शुरू कर दिया गया। हालांकि इसका असर होता नहीं दिख रहा है। इन तीनों शहरों में ही संडे के लॉकडाउन होने के बाद भी नए केसों में बढ़ोतरी हुई है।

हालत यह है कि इंदौर में यह 700 के करीब और भोपाल में 500 तक पहुंच गए हैं, जबकि जबलपुर में पहले लॉकडाउन के 100 मरीज आ रहे थे, अब यह संख्या पौने 200 पहुंच गई है। ऐसे में शासन के नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं।

छत्तीसगढ़ में जिलों के शहरी क्षेत्रों में नाइट कर्फ्यू लगा है। बड़े और व्यस्त शहरों में रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक और छोटे शहरों में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक दुकानें-कारोबारी प्रतिष्ठान बंद हैँ। लॉकडाउन कहीं नहीं है। राजस्थान में कहीं कर्फ्यू या लॉकडाउन नहीं है। महाराष्ट्र में तो 40 हजार केस आने के बाद भी पूरे राज्य में नाइट कर्फ्यू लगा है।





7 दिन में 15883 पॉजिटिव मिले
मध्यप्रदेश में बीते 7 दिन में कुल 172894 टेस्ट हुए। 15883 लोग पॉजिटिव निकल चुके हैं। औसतन करीब 9% की दर से कोरोना पॉजिटिव मिल रहे। 26 मार्च को 25656 टेस्ट में से 2546, 27 मार्च को 22884 में से 2332, 28 मार्च को 20419 में से 2173, 29 मार्च को 23249 में से 2323, 30 मार्च को 26701 में से 2142 और 31 मार्च को 28504 में से 2091 पॉजिटिव मिले। इसके अलावा 01 अप्रैल को 25483 टेस्ट में 2276 पॉजिटिव मिले।

मास्क पर आधी-अधूरी कार्रवाई
कोरोना के बढ़ने के कारण भोपाल समेत तीनों शहरों में पुलिस ने सख्ती शुरू कर दी है। चौराहों और तिराहों पर पुलिस लोगों पर मास्क नहीं पहनने पर सख्ती करते हुए जुमार्ना वसूल रही है, लेकिन भीड़-भाड़ वाले इलाकों में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

किसी भी कार्यक्रम में अधिकतम 100 लोगों की पाबंदी के बाद भी बड़ी संख्या में कार्यक्रम लगातार हो रहे हैं, लेकिन पुलिस की नजर सिर्फ वाहन चालकों पर रहती है। कई बार हेलमेट पहने होने और बाइक पर अकेले होने पर भी पुलिस रसीद काट देते है। इसको लेकर कई जगह विवाद की स्थिति भी बन रही हैं।

यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में कोरोना ब्लास्ट: 24 घंटे में मिले रिकॉर्ड 43183 नए संक्रमित

छत्तीसगढ़ में बढ़ रहे मामले
छत्तीसगढ़ में रोजाना औसतन तीन हजार केस रोज आ रहे हैं। बुधवार को 4563 केस आए थे। पाजिटिविटी रेट औसतन 7% है। जिलों के शहरी क्षेत्रों में नाइट कर्फ्यू लगा है। बड़े और व्यस्त शहरों में रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक और छोटे शहरों में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक दुकानें-कारोबारी प्रतिष्ठान बंद हैँ। लॉकडाउन कहीं नहीं है।





राजस्थान में भी बिगड़ रहे हालात
मध्यप्रदेश से सटे राजस्थान में भी हालत बिगड़ रहे हैं। बीते करीब दो सप्ताह के आंकड़ों पर नजर डाले तो यह लगातार बढ़ रहे हैं। गत 21 मार्च को 476 केस आए थे, लेकिन 1 अप्रैल को यह संख्या 1300 के पार पहुंच गई। यह बीते 12 दिन में सबसे ज्यादा है। 28 मार्च को सबसे ज्यादा करीब 1 हजार से ज्यादा केस आए थे, लेकिन उसके बाद कमी आई थी। 31 मार्च के बाद केस बढ़ने लगे और अब यह करीब 1300 के पार हो गए हैं।

महाराष्ट्र के कारण ज्यादा चिंता
मध्यप्रदेश के लिए सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में केस बढ़ना चिंता का विषय है। महाराष्ट्र में हर दिन 30 हजार से ज्यादा केस आ रहे हैं। ऐसे में यहां से आने वाले लोगों के कारण मध्यप्रदेश सरकार कई कदम उठा रही है, लेकिन यह नाकाफी ही साबित हो रहे हैं। 21 मार्च को महाराष्ट्र में करीब 30 हजार केस आए थे, जबकि 31 मार्च को यह संख्या 40 हजार के करीब पहुंच गई। यह संख्या एक दिन के आंकड़ों के अनुसार है।

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