कर्नाटक में कांग्रेस के वादे से आहत बजरंगी, जबलपुर में पार्टी कार्यालय को पहुंचाया खासा नुकसान
दर्जनों की संख्या में प्रदर्शनकारी हाथों में लट्ठ लेकर नारेबाजी करते हुए कांग्रेस दफ्तर पहुंचे। कार्यालय बंद मिला तो वहां आसपास टीन शेड, खिड़कियां, गमले और मार्बल तोड़ दिए। करीब आधे घंटे चले उत्पात के बाद पुलिस पहुंची।
जबलपुर। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई की तरह बजरंग दल पर बैन लगाने का ऐलान किया है। कांग्रेस के इस वादे पर बजरंग दल के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। इसकी आंच मध्यप्रदेश तक पहुंच गई है। ‘देश का बल बजरंग दल’ बैनर झंडे के साथ जबलपुर में बजरंगियों ने उग्र प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं कार्यकर्ताओं के साथ-साथ अन्य सामाजिक संगठनों ने मिलकर बलदेव बाग स्थित कांग्रेस कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की है।
बताया जा रहा है कि दर्जनों की संख्या में प्रदर्शनकारी हाथों में लट्ठ लेकर नारेबाजी करते हुए कांग्रेस दफ्तर पहुंचे। कार्यालय बंद मिला तो वहां आसपास टीन शेड, खिड़कियां, गमले और मार्बल तोड़ दिए। करीब आधे घंटे चले उत्पात के बाद पुलिस पहुंची। जानकारी के मुताबिक बजरंग दल द्वारा सामान्य प्रदर्शन की सूचना पुलिस को दी गई थी, लेकिन इस सामान्य प्रदर्शन के दौरान बजरंग दल के साथ शामिल अन्य सामाजिक संगठनों ने तोड़फोड़ कर दी। जिसकी जानकारी पुलिस प्रशासन को नहीं थी। सामान्य प्रदर्शन की सूचना होने पर कांग्रेस कार्यालय में पुलिस प्रशासन के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
कार्यकर्ता बोले- जारी रहेगा प्रदर्शन
इस मामले को लेकर कांग्रेस के पूर्व नगर अध्यक्ष दिनेश यादव का कहना है कि बजरंग दल के कार्यकर्ता नामर्दगी वाले काम कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने यह तोड़फोड़ कांग्रेस कार्यालय में नहीं बल्कि पत्रकार भवन में की है और उनके इस तोड़फोड़ से पत्रकार भवन को क्षति पहुंची है। कांग्रेस कार्यालय को उनके इस तोड़फोड़ से कोई भी नुकसान नहीं हुआ है। वहीं, शेर और भेड़िए का उदाहरण देते हुए उन्होंने आगे कहा कि कभी-कभी भेड़िया शेर पर हमला कर देता है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं होता है कि शेर राजा नहीं है। वहीं बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिस तरह कर्नाटक में उन्हें आतंकवादी संगठनों से जोड़ा गया है, वह सही नहीं है। इस प्रदर्शन के बाद भी उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।