हर दिन नए खुलासे: एएनआई ने कहा- पहचान छिपाने सचिन वाजे ने पीपीई किट नहीं, बल्कि पहना था कुर्ता-पायजामा

मुंबई। मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर जिलेटिन की छड़ों से भरी स्कॉर्पियो मिलने के मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद से हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। मुकेश अंबानी के घर के बाहर स्कॉर्पियो पार्क करने वाले पीपीई किट पहने शख्स की तस्वीर पर अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा है कि वह शख्स निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ही थे। वाजे ने अपनी पहचान छिपाने के लिए पीपीई किट नहीं बल्कि बड़े साइज का कुर्ता पायजामा पहना था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि सीसीटीवी फुटेज में पीपीई किट पहने नजर आया शख्स सचिन वाजे ही थे। वाजे ने अपनी पहचान छिपाने के लिए ढीलाढाला कुर्ता पायजामा पहना था और सिर पर रुमाल बांधा था, जो पीपीई किट पहनने जैसा नजर आ रहा था।
एनआईए ने बताया कि एजेंसी ने मंगलवार को वाजे के कार्यालय से एक लैपटॉप जब्त किया था। लेकिन खास बात यह है कि इसमें से सारा डाटा डिलीट कर दिया गया है। वाजे से उनका मोबाइल मांग गया था, इस पर वाजे ने कहा कि उनका मोबाइल कहीं खो गया है। जबकि जांच में पता चला कि वाजे ने मोबाइल जानबूझकर फेंका था।
वाजे का करीब चला रहा था इनोवा
इससे पहले, एनआईए के सूत्रों ने बताया था कि वह सचिन वाजे ही थे, जो इनोवा को चलाकर कर के स्कॉर्पियो के पीछे-पीछे उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के पास तक ले गए थे। इनोवा के सरकारी ड्राइवर ने एनआईए को बताया कि 24 फरवरी को उसकी ड्यूटी खत्म होने के बाद उसने इनोवा को पुलिस हेडआॅफिस के अंदर खड़ा किया और घर चला गया। यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि वहां से कार को लेकर कौन गया था। रजिस्टरों पर वाहन की आवाजाही की कोई एंट्री नहीं की गई थी। आधिकारिक नियमों के अनुसार, सरकारी वाहन के आने और जाने को एक रजिस्टर में लॉग इन करना होता है। एनआईए को शक है कि स्कॉर्पियो को वाजे का करीबी कॉन्स्टेबल ही चला रहा था।
क्या है मामला
मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर 25 फरवरी को जिलेटिन की छड़ों भरी एक स्कॉर्पियो मिली थी। जांच में पता चला कि इस स्कॉर्पियो का मालिक कारोबारी मनसुख हिरेन थे। मामला तब बड़ा हो गया, जब 3 मार्च को मनसुख का शव मिला। बाद में विवाद बढ़ने के सरकार ने जांच एनआईए को सौंप दी। एनआईए और एटीएस एंटीलिया स्कॉर्पियो मामला और मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जांच कर रही हैं।