महाराष्ट्र (Maharashtra) में जो-कुछ हो रहा है, उसे भी उत्तर प्रदेश में हिन्दू मतों के ध्रुवीकरण (Polarization of Hindu Votes in Uttar Pradesh) के चलते भाजपा-विरोधी दलों (anti-BJP parties) की […]
Author: प्रकाश भटनागर
पीके के तरकश के तीर चलाएगा कौन…..
PK की नजर में भाजपा को हराने के लिए विपक्षी एकता की बहुत अधिक अहमियत नहीं है। वह कांग्रेस को राष्ट्रवाद (Nationalism to Congress) के विषय पर भी भाजपा से […]
कांग्रेस का प्रोफेशनल माई-बाप
कांग्रेस के लिहाज से इस अभिलाषा में कोई ताज्जुब की बात नहीं होना चाहिए। जिस दल के चुनाव हारने का रिकॉर्ड कायम करने वाले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) आज भी […]
यादव का दर्द, कांग्रेस का सिर दर्द!
आशंका तो अरुण यादव को भी अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर सता रही है। अंदरखाने की खबर बताती है कि नाथ के चलते यादव के राज्यसभा (Rajya Sabha) में जाने […]
बरखा रानी! ज़रा जम के तरसो
हिंदी सिनेमा का एक गीत अपने समय में विशुद्ध रूप से ‘चालू’ होने वाले स्वरूप के बाद भी खूब चला। बोल थे, ‘बरखा रानी… ज़रा जम के बरसो।’ आज जिन […]
वंश का दंश और मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) में परिवारवाद (familialism) के खिलाफ जो- कुछ भी बोला, शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के सूक्ष्म और […]
इंसान होने का स्वांग रचते बाज
विवाद की आग गर्मी के दिनों में झुलसा देने वाली मरुभूमि राजस्थान (marubhumi rajasthan) तक पहुंच गयी है। वहां के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने कहा है […]
सख्त कदम उठाएं खरगोन के दोषियों के खिलाफ
रामनवमी के जुलूस से किसी को ऐसी क्या आपत्ति हो सकती है कि इसके खिलाफ मरने-मारने पर आमादा होने की बात सामने आ जाए? शायद यह राज्य सरकार को चुनौती […]
सीधी-सी बात है, सीधी की बात है
सीधी पुलिस के इस पराक्रम की क्रमबद्ध समीक्षा करें तो घमंड से तने माथों और जमीन पर गिरे कपड़ों के बीच कई सूत्र जुड़ जाते हैं। महाभारत (Mahabharat) में चीरहरण […]
वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता…
राजस्थान और दिल्ली के घटनाक्रम इस बात की पुष्टि करते हैं कि पांच राज्यों के चुनाव में हिन्दूओं को जाति के नाम पर तोड़ने और बहलाने का प्रयास किया गया […]
इस मूर्खता को सुदीर्घ न समझे
सब जानते हैं कि आप एकलव्य (Eklavya) नहीं हैं। आप के भीतर वह धनुर्धर नहीं रहा, जो असत्य को लेकर भौंकते किसी श्वान के मुंह में सत्य वाले तीर घोंप […]
महंगाई बनाम जगहंसाई कांग्रेस की
बात पुरानी है। तब देश में कांग्रेस की सरकार (Congress government) थी। तब मैंने कहीं एक रचना पढ़ी थी, ‘महंगाई शिवधनुष (Shiv Dhanush) की तरह भारी है, राम (Ram) अब […]