आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी पर शुभ संयोग, पूजा विधि, मुहूर्त एवं महत्व
हिंदू धर्म में शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि बहुत महत्वपूर्ण होती है। ये दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। संकष्टी चतुर्थी कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के चौथे दिन मनाई जाती है। पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) इस बार 24 सितंबर दिन शुक्रवार को पड़ रही है। 24 सितंबर 2021 दिन शुक्रवार को पड़ने वाली सकंष्टी चतुर्थी सुबह 08 बजकर 29 मिनट पर शुरू हो रही है, जो अगले दिन 25 सितंबर 2021 सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक रहेगी। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से घर में सुख- समृद्धि का वास होता है और विघ्ननाहर्ता आपके सभी दुखों को हर लेते हैं। आइए जानते हैं इस बार कब मनाई जाएगी संकष्टी चतुर्थी, शुभ मुहुर्त और इसकी पूजन विधि।
इस दिन है संकष्टी चतुर्थी
हिंदु कैलेंडर के अनुसार आश्विन मास की शुरुआत हो गई है और आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी 24 सितंबर यानि कल मनाई जाएगी। यह चतुर्थी एक मास में दो बार आती है और इसमें गणेश जी का पूजन किया जाता है। कृष्ण की चतुर्थी को सकंष्टी गणेश चुतर्थी कहा जाता है और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।
सकंष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Sankashti Chaturthi 2021 shubh muhurat)
भगवान गणेश को समर्पित इस दिन श्रद्धालु अपने जीवन की कठिनाइयों और बुरे समय से मुक्ति पाने के लिए उनकी पूजा-अर्चना और उपवास करते हैं। 24 सितंबर 2021 दिन शुक्रवार को पड़ने वाली सकंष्टी चतुर्थी सुबह 08 बजकर 29 मिनट पर शुरू हो रही है, जो अगले दिन 25 सितंबर 2021 सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक रहेगी। 24 सितंबर को सुबह 06 बजकर 10 मिनट से सुबह 08 बजकर 54 मिनट तक सवार्थ सिद्धि योग बन रहा है। वहीं राहुकाल सुबह 10 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक है। इसके अलावा अभिजित मुहूर्त या विजय मुहूर्त में गणेश जी की पूजा कर सकते हैं।
संकष्टी चतुर्थी 2021 चंद्र दर्शन का समय
आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन किया जाता है और उसे जल अर्पित किया जाता है। 24 सितंबर के दिन चंद्रमा के उदय होने का समय रात 08 बजकर 20 मिनट पर है। इस समय पर आप चंद्रमा का दर्शन कर सकते हैं।
संकष्टी चतुर्थी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग
इस बार संकष्टी चतुर्थी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। 24 सितंबर को प्रात: 06.10 मिनट से सुबह 08.54 मिनट तक सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा। इस दिन अभिजित और विजय मुहूर्त के संयोग भी बन रहे हैं। 24 सितंबर को दिन में 11.49 मिनट से दोपहर 12.37 मिनट तक अभिजित मुहूर्त रहेगा और दोपहर 02.14 मिनट से दोपहर 03.02 मिनट तक विजय मुहूर्त बन रहा है, अत: इन मुहूर्त में आप श्री गणेश जी की पूजा कर सकते हैं।
संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि
चतुर्थी तिथि के दिन प्रातः काल जल्दी उठकर स्नानादि कर लें।
इस दिन पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
अब पूजा स्थान की सफाई करके एक लाल रंग का आसन बिछाकर भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करें।
गणेश जी के समक्ष घी का दीपक व सुगंधित धूप प्रज्वलित करें और सिंदूर से तिलक करें।
अब गणेश जी को फल-फूल व मिष्ठान अर्पित करें। मिष्ठान में मोदक या मोतीचूर के लड्डू अर्पित करने चाहिए।
गणेश जी को दूर्वा अतिप्रिय है इसलिए इस दिन 21 दूर्वा की गांठे भगवान गणेश के अलग-अलग नामों का उच्चारण करते हुए अर्पित करें।
संकष्टी चतुर्थी का व्रत गणेश जी की पूजा से आरंभ होकर चंद्रमा को अर्घ्य देने पर पूर्ण होता है।
इस दिन यथाशक्ति दान देने के पश्चात व्रत का पारण करना चाहिए।