तालिबान को मिला रूस का साथ: कहा- कट्टरपंथी इस्लामी समूह ने काबुल को पहले से ज्यादा बना दिया सुरक्षित
मास्को। अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद गहराए संकट के बीच रूस ने चौंकाने वाला बयान दिया है। अफगानिस्तान में तैनात रूसी राजदूत (Russian ambassador) ने तालिबान के आचरण की प्रशंसा करते हुए कहा कि कट्टरपंथी इस्लामी समूह (radical islamic group) ने पहले 24 घंटों में काबुल को पिछले अधिकारियों की तुलना में अधिक सुरक्षित बना दिया है। जिरनोव ने कहा, स्थिति शांतिपूर्ण और अच्छी है और शहर में सब कुछ शांत हो गया है। तालिबान के तहत अब काबुल में स्थिति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) की तुलना में बेहतर है।
जिरनोव ने कहा कि गनी का शासन ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। उनके समय अव्यवस्था चरम पर थी, लोगों ने उम्मीद खो दी थी और विकास शून्य हो गया था। लेकिन अब तालिबान के 24 घंटे के शासन से पता चलता है कि शहर में आने वाले दिनों में सबकुछ ठीक हो जाएगा। गनी के भागने के बाद वहां कर्फ्यू लगा दिया गया। रूसी राजदूत ने कहा कि तालिबान ने पहले ही रूसी दूतावास की सुरक्षा परिधि पर नियंत्रण कर लिया था जिसमें 100 से अधिक कर्मचारी हैं। उन्होंने कहा कि मंगलवार को वे तालिबान के साथ विस्तृत सुरक्षा वार्ता करेंगे।
अफगानिस्तान पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) के विशेष प्रतिनिधि, जमीर काबुलोव ने सोमवार को कहा कि काबुल से गनी की भागना शर्मनाक था। वहीं, जिÞरनोव ने कहा कि शुरू में तालिबान बिना हथियार के काबुल पहुंचा। सरकार और अमेरिकी बलों को अपने हथियार आत्मसमर्पण करने के लिए कहा। बाद में तालिबान के हथियारबंद लड़ाके भी पहुंच गए। गनी के देश छोड़ने के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया। रूसी राजदूत ने कहा कि तालिबान ने पहले ही रूसी दूतावास की सुरक्षा परिधि पर नियंत्रण कर लिया।
तालिबान का कब्जा
बता दें कि अफगानिस्तान पर 20 साल के बाद एक बार फिर तालिबान का कब्जा हो गया है। उसने देश के राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा जमा लिया है। वहीं देश में स्थिति भयावह बनी हुई है। लोग बिना सामान लिए देश छोड़कर भाग रहे हैं। वहीं सोमवार को देश छोड़ने की जल्दबाजी में लोग विमान पर जबरन यात्रा करने लगे थे जिसकी वजह से तीन लोगों की मौत भी हो गई।